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अगर त्वचा की परेशानियां हैं तो इन 6 तरह की चीजों से बचकर रहें

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निवेदिता भारती

चर्म रोग हो जाने पर इन 6 को बिल्कुल हाथ न लगाएं 
अगर आपकी त्वचा खूबसूरत है इसका सीधा मतलब है कि आपका खानपान बढ़िया है। इसके विपरीत अगर त्वचा में खामियां हैं तो आपके खानपान में सुधार की ज़रूरत है। खूबसूरत त्वचा आपके शरीर के आंतरिक अंगों के सही तरीके से काम करने का ऊपरी असर है जो साफ नज़र आता है। खासतौर से जब लिवर और आपका पाचनतंत्र स्वस्थ है तो आपकी त्वचा भी स्वस्थ है। त्वचा संबंधी रोग जैसे एक्ज़िमा, सोरायसिस या स्किन की सामान्य समस्याएं जैसे तैलीय त्वचा या अत्यधिक सूखी त्वचा का मतलब है आपका लिवर ठीक से काम नहीं कर रहा। 
 
लिवर जब ठीक से काम नहीं करता तो आपके शरीर से सही तरीके से ज़हरीले तत्व बाहर नहीं निकल पाते। ऐसे में आपका शरीर अन्य तरीकों से सफाई करता है। ऐसे में स्किन से इन ज़हरीले पदार्थों को बाहर निकालने में त्वचा पर समस्याएं पैदा होती हैं। यह लिवर के लिए सपोर्टिंग सिस्टम के जैसे काम करता है लेकिन आप गंभीर स्किन समस्याओं से जूझते हैं। 
 
अक्सर ही चर्म रोग हो जाने पर क्या खाएं और किन चीज़ों का सेवन बंद कर दें समझना मुश्किल है। चिकित्सा की उपलब्ध विभिन्न पद्धतियों के अनुसार कई अलग तरह की खाद्य सामग्री मरीज़ को भोजन में शामिल करने या पूरी तरह से छोड़ने की सलाह दी जाती है। ऐसे में चर्म रोग से ग्रसित मरीजों को खानपान को लेकर सही जानकारी मिलना मुश्किल हो जाता है। 
 
पहली जानने योग्य बात यह है कि त्वचा रोग से ग्रसित मरीज़ को यह समझ लेना चाहिए कि सिर्फ खानपान में बदलाव करने से आपका रोग पूरी तरह से ठीक नहीं होगा। एक्ज़िमा, सोरायसिस या ज़िद्दी मुंहासों जैसी तकलीफ से आप सिर्फ डाइट में बदलावकर छुटकारा नहीं पा सकते। 

 
 
चर्म रोग होने पर डाइट में सुधार क्यों है जरूरी? 
 
इसमें कोई दोराय नहीं कि कुछ खास चीज़ों को खाना बंद कर आपकी त्वचा की स्थिति में थोडा सुधार हो सकता है। इसके उलट गलत खान पान की आदतें आपकी स्थिति और बिगाड सकती हैं। कुछ चिकित्सा पद्धतियां ऐसी हैं जिनमें आपको दवाई के साथ साथ परहेज को गंभीरता से लेना पड़ता है। अगर ऐसा न किया जाए तो ये पद्धतियां बिल्कुल ही बेअसर हो जाती हैं।
 
ऐसी खाने की चीज़ें जिन्हें त्वचा रोगों में न खाना बेहतर है 
 
अगर आपकी स्किन की समस्या लालपन, खुजली और गर्म सी लगने वाली है तो आपको कुछ खास चीज़ों से तौबा करनी पडेगी। इस तरह की स्थिति में ऐसी चीजें जो आपके शरीर के तापमान को बढ़ाती हैं आग में घी का काम करेंगी।    
 
अल्कोहल या शराब : शराब का शौक या  सर्दियों में शरीर को गर्माहट देने के मकसद से पी गई शराब, किसी मरीज़ की त्वचा संबंधी मुश्किलों को बढ़ा सकते हैं। जब से इस संबंध का पता मरीज़ों को लगा है उन्होंने अल्कोहल के सेवन के बाद स्किन समस्या में इजाफा महसूस किया है। अल्कोहल का सेवन चर्मरोग के चेहरे या सिर पर होने की स्थिति में पूरी तरह वर्जित है। मुंहासों और सोरायसिस की स्थिति में शराब को तुरंत छोड़ दें। 
 
मिर्च मसाले : तीखी मिर्च , काली मिर्च और अन्य तरह के तीखे मसालों का बार बार सेवन आपकी तकलीफ बढ़ा  सकता है। अक्सर त्वचा की समस्याओं की जड़ लिवर में मानी जाती है। लिवर के सही तरीके से काम न कर पाने के कारण भी त्वचा रोग मरीज़ को परेशान करते हैं। ऐसे में अत्यधिक मिर्च मसालों के सेवन से समस्या बढ़ सकती है। 
 
सिगरेट : स्मोकिंग किसी भी रूप में आपकी समस्या को बहुत अधिक बढा सकती है। खासतौर पर ऐसी सोरायसिस की समस्या में जिसमें त्वचा रोग हथेली और तलवों पर अधिक हो। अक्सर ऐसे मरीज़ों की हालत में सुधार देखा गया है जिन्होंने स्मोकिंग बंद कर दी हो। कम उम्र के मुंहासों में भी स्मोकिंग छोड़ने पर सुधार देखा गया है। 
 
अत्यधिक शक्कर, सोडा और वजन बढ़ाने वाली चीजें : शक्कर से भरपूर चीज़ें, सोडा ड्रिंक्स से त्वचा रोगों में समस्या बढते देखी गई है। फास्टफूड या रिफाइंड कार्बोहाइड्रेड वाली चीज़ें खाने से भी चर्मरोग बढ़ सकता है। मैदे से बनी चीज़ें जैसे पास्ता, पिज़्जा, बर्गर, नूडल्स, पैस्ट्रीज़ और ब्रेड आपके लिवर को मुश्किल में डालती हैं। इन्हें तुरंत बन कर दें। आर्टिफिशियल स्वीटनर आपके सिस्टम को एकदम बर्बाद कर देंगे इनसे बचें। 
 
तैलीय चीज़ें और अधिक नमक : त्वचा संबंधी बीमारियों में बहुत अधिक तला हुआ भोजन वर्जित है। ऐसी सभी खाद्य सामग्री जिनमें तेल का अधिक उपयोग हो नहीं खाना चाहिए। इसके साथ ही नमक का उपयोग कम कर देना चाहिए। समोसा, कचोरी, पकौडे और अन्य चीज़ें जिनमें तेल का उपयोग अधिक हो आपकी मुश्किल बढ़ा सकते हैं। 
 
डेयरी पदार्थ : बेहद आश्चर्यजनक है कि स्किन से जुड़ी मुश्किलों में डेयरी को अस्वास्थयकर माना जा रहा है। आपने कुछ लोगों का अनुभव सुना होगा कि डेयरी से वज़न बढ़ता है। डेयरी को सूजन बढ़ाने या फूलने वाले खाद्यपदार्थों में माना जाता है। इस गुण के कारण डेयरी पदार्थों के सेवन से मुंहासों और एक्ज़िमा के बढ़ने का खतरा माना गया है। डेयरी के समस्या में इजाफे के पीछे एक और संभावित कारण यह है कि दुनिया में लगभग 75 प्रतिशत लोग दूध में उपस्थित लैक्टोस (डेयरी में मौजूद शक्कर) को पचा नहीं पाते। खास बात यह है कि लोग इस तथ्य से अंजान ही रहते हैं कि उन्हें डेयरी पच भी रही है कि नहीं। इस तरह डेयरी के सेवन से फिर लिवर का काम प्रभावित होता है और आपकी स्किन की समस्या बढ़ जाती है।    

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