आज ब्लड डोनेशन डे (World Blood Donor Day) मनाया जा रहा है। विश्व रक्तदान दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक करके, जरूरतमंदों लोगों की जिंदगी बचाना और इस संबंध अवेयरनेस बढ़ाना ही इस दिन का प्रमुख कार्य है। अत: इसी के मद्देनजर हर साल 14 जून को पूरे विश्व में 'रक्तदाता दिवस' मनाया जाता है।
आइए जानते हैं 7 खास बातें-
1. एक औसत व्यक्ति के शरीर में 10 यूनिट यानी पांच-छ: लीटर रक्त होता है। रक्तदान में केवल एक यूनिट रक्त ही लिया जाता है। एक बार रक्तदान से आप तीन लोगों की जिंदगी बचा सकते हैं।
2. बता दें कि हर कोई रक्तदान नहीं कर सकता। यदि आप शरीर से स्वस्थ हैं, किसी प्रकार के बुखार या बीमारी से ग्रसित नहीं हैं, तो ही आप रक्तदान कर सकते हैं।
3. जब किसी नवजात बालक या अन्य इमरजेंसी के समय खून की जरूरत हो और उसका ब्लड ग्रुप पता ना हो तब उसे 'O नेगेटिव' (O Negative) ब्लड दिया जा सकता है।
4. रक्त देने वाले का वेट (वजन), बॉडी टेम्परेचर, पल्स रेट, ब्लड प्रेशर आदि चीजों की जांच सामान्य पाए जाने पर ही ब्लड डोनेशन टीम के सदस्य आपका खून लेते हैं।
5. भारत में सिर्फ सात प्रतिशत लोगों का ब्लड ग्रुप 'ओ नेगेटिव' (O Negative) है। 'ओ नेगेटिव' ब्लड ग्रुप यूनिवर्सल डोनर कहलाता है, इसे किसी भी ब्लड ग्रुप के व्यक्ति को दिया जा सकता है।
6. जेन्ट्स तीन माह और लेडिज चार माह के अंतराल में नियमित रक्तदान कर सकती हैं। कई बार केवल एक कार एक्सीडेंट में ही सौ यूनिट रक्त की जरूरत पड़ जाती है।
7. अठारह से साठ वर्ष की आयु तक आप रक्तदान कर सकते हैं। लेकिन अगर कभी रक्तदान के बाद आपको पसीना, चक्कर आना या वजन कम होना जैसी कोई समस्या लंबे समय तक बनी हुई हो तो आप रक्तदान नहीं करें। वैसे रक्तदान (ब्लड डोनेशन) की प्रक्रिया काफी सरल होती है और रक्त दाता को इसमें कोई खास मुश्किल नहीं हैं।
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