कोरोना को लेकर अब क्या होना है, कोई नहीं जानता, हर तरफ सावधानियों की गुहार और संभावनाओं पर कयास लगाए जा रहे हैं। दूसरी तरफ कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर उदासीनता भी देखी जा रही है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि भारत में 2% लोगों को ही बूस्टर डोज दिया गया है, वहीं 56 देश ऐसे हैं जिनकी 10% आबादी को भी वैक्सीन नहीं लग पाई है।
वैक्सीनेशन कवरेज की बात करें अफ्रीकी देशों की हालत बहुत चिंताजनक है। अफ्रीका में 20% से भी कम लोगों को कोरोना के खिलाफ वैक्सीन लगी है। वहां कुछ देश ऐसे भी हैं जहां सिर्फ 2% लोगों का ही वैक्सीनेशन हो पाया है। ऐसा ही चलता रहा तो हम कोरोना को हराने का कैसे सोच सकते हैं?
वैक्सीन के मामले में भारत के हालात सुधारने की जरूरत है। देश के सभी इलाकों में लोगों को वैक्सीन नहीं लगी है। साथ ही बूस्टर डोज लगाने की गति बेहद धीमी है। केवल 2% लोगों को ही प्रिकॉशन डोज मिल पाई है। इतनी घनी आबादी वाले देश के लिए सभी नागरिकों का वैक्सीनेशन अनिवार्य प्राथमिकता होनी चाहिए।
अभी भी नए वैरिएंट्स आने की संभावना अब भी बरकरार है। मौजूद वैक्सीन्स ओमिक्रॉन जैसे वैरिएंट्स के गंभीर संक्रमण के खिलाफ कम कारगर हैं, लेकिन ये फिर भी 50% से ज्यादा इफेक्टिव हैं।
कोरोना महामारी को लेकर 3 संभावनाएं जताई जा रही हैं।
1- वायरस के इवोल्व होने के साथ तेजी से संक्रमण फैलना।
2- कोरोना एक मौसमी महामारी बन जाना।