कोरोना काल में अभी तक वयस्क और बुर्जूर्गों के लिए वैक्सीनेशन ही उपलब्ध थी। हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं के लिए भी वैक्सीनेशन शुरू कर दी गई है। हालांकि इसे लेकर अभी गर्भवती महिलाओं के मन में काफी डर है। कहीं उन्हें किसी प्रकार का साइड इफेक्ट नहीं हो जाएं, या बच्चे पर उसका असर नहीं हो। लेकिन विशेषज्ञों और गायनोकॉलोजिस्ट द्वारा गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगवाने की सलाह दी जा रही है। हालांकि वैक्सीन कब और कैसे लगाना यह जरूर डॉक्टर की निगरानी में किया जाएं।
- गर्भवती महिलाओं को कोरोना समय में अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना जरूरी है।
- सोनोग्राफी के लिए सेंटर पर तब ही पहुंचे जो समय अपॉइंट किया गया हो।
- डबल मास्क का इस्तेमाल करें।
- बाहर रहे तब हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करते रहें। और घर पर साबुन का इस्तेमाल ही करें।
- वैक्सीनेशन के बाद हल्का बुखार आता है तो क्रोसिन ले सकते हैं।
- वैक्सीनेशन के बाद डिलीवरी होती है तो बच्चे में संक्रमण की संभावना कम हो जाती है।
- डाइट का पूरा ख्याल रखें। तनाव नहीं लें और मन को शांत रखें।
- डिलीवरी के बाद कभी भी वैक्सीन लगवा सकते हैं।
- बच्चों को स्तनपान भी कराया जा सकता है। उसमें किसी भी प्रकार का डर नहीं है।
-10 महिलाएं जो बच्चे को जन्म दे चुकी है उन पर शोध किया गया था। इस शोध में सामने आया कि दूध में वैक्सीन का थोड़ा सा कण भी नहीं मिला है।
- ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान और बाद में बच्चे से दूरी बनाकर रखें। क्योंकि आपकी मुंह या नाक के पार्टिकल बच्चे के अंदर जाने पर संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। फीडिंग के बाद बच्च्ो को थोड़ी दूरी पर ही रखें।
- फीडिंग कराने के दौरान डबल मास्क लगाकर रखें।
- गर्भवती महिलाओं के लिए वैक्सीनेशन ही सुरक्षा कवच है।
- गर्भवती महिलाओं को कोवैक्सीन लगाने की ही सलाह दी जा रही है। ताकि दोनों डोज जल्दी लगा सकें।