कोविड-19 महामारी का प्रकोप अब काफी कम हो गया है। लेकिन ओमिक्रॉन के नए सब वैरिएंट की वजह चौथी लहर की आशंका जताई जा रही है। विशेषज्ञों के मुताबिक ओमिक्रॉन और डेल्टा बीए.2 वैरिएंट तेजी से पैर पसारता है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह फेफड़ों की बजाए सांस की नली और उपरी श्वसन प्रणाली को बुरी तरह से प्रभावित करता है।
ओमिक्रॉन + डेल्टा बीए.2 वैरिएंट
कोविड का मुख्य कारण बना बीए.2 ओमिक्रॉन और डेल्टा वैरिएंट के मेल से बना है। यह पहले के दो वायरस के मुकाबले अधिक संक्रामक है। बीए.2 कोविड का बेहद असरदार वैरिएंट माना जा रहा है। यह श्वसन प्रणाली पर अधिक तेजी से हमला करता है। इसके शुरूआती लक्षण फेफड़ों से संबंधित नहीं हैं। बीए.2 वैरिएंट के दो प्रमुख लक्षण सामने आए हैं।
- चक्कर आना और थकान होना शामिल हैं। ओमिक्रॉन$डेल्टा बीए.2 वायरस से संक्रमित होने के दो से तीन दिनों के भीतर ये लक्षण प्रकट होते हैं। और संक्रमित मरीजों में पहले के मुकाबले लंबे वक्त तक रहते हैं।
पाचन संबंधी समस्याएं
बीए.2 स्टील्थ ओमिक्रॉन के नाम से पहचाने जाने वाला बीए.2 आंत को प्रभावित कर रहा है। जिससे संक्रमित मरीजों को पाचन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। फिलहाल यह वैरिएंट आरटीपीसीआर टेस्ट में पकड़ में नहीं आ रहा है। बीए.2 से पेट मे ंसूजन-दर्द, शरीर में ऐंठन, डिप्रेशन और दस्त -उल्टी, जैसी पाचन समस्याएं भी हो सकती हैं। बीए.2 में पहले के तरह खांसी, गले में खराश, सिर में ब्लड क्लॉट, जोड़ों में दर्द, हाई बीपी की समस्या होना।
कोविड की चौथी लहर !
केंद्र सरकार ने कोविड के चौथी लहर को लेकर तैयारी तेज कर दी है। इंडियन सार्स कोव-2 जीनोमिक कंसोर्टियम ने कोविड के संक्रमितों के सैंपल लेना शुरू कर दिए है। कोविड टास्क फोर्स ग्रुप के प्रमुख अरोड़ा ने कहा कि भारत पहले ही ओमिक्रॉन $डेल्टा से बने बीए.2 के संपर्क में आ चुका है। देश में प्राकृतिक संक्रमण और सामूहिक टीकाकरण से प्रतिरक्षा बढ़ी है। चौथी लहर से बचाव के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं।