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कोविड-19 की तीसरी लहर का कारण Delta का नया वेरिएंट AY.12 तो नहीं!

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, शनिवार, 28 अगस्त 2021 (17:55 IST)
एक तरफ जहां कोविड -19 की तीसरी लहर का खौफ नजर आ रहा है। देश के प्रमुख राज्‍य केरल, महाराष्‍ट्र और आंध्र प्रदेश में कोविड के केस लगातार बढ़ रहे हैं। देश के आधे से अधिक कोविड केस इन तीन राज्‍यों से दर्ज किए जा रहे हैं। इस बीच वैक्‍सीन के दोनों डोज लगने के बाद भी कई लोग कोविड पॉजिटीव पाए जा रहे हैं। ऐसे में अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है। इस बीच डेल्‍टा के नए वेरिएंट ने दस्‍तक दे दी है। हालांकि उस पर रिसर्च जारी है। लेकिन वर्तमान में जो वेरिएंट पाया गया है वह है - AY.12। इंडियन सार्स-कोवि-2 जिनोमिक्‍स कॉनर्सोटियम (INSACOG) के द्वारा साप्‍ताहिक बुलेटिन में में जारी किया गया कि डेल्‍टा वेरिएंट लगातार लोगों को संक्रमित कर रहा है। वहीं इजराइल में करीब 60 फीसदी लोगों को डबल डोज लगने के बाद संक्रमित हो रहे हैं। 
 
एक तरफ जहां अभी तक लोगों में डेल्‍टा वेरिएंट की पुष्टि की जा रही थी, वहीं अब INSACOG द्वारा डेल्‍टा को AY.12 नाम से क्‍लासिफाइड किया जा रहा है। हालांकि इसे लेकर अभी रिसर्च जारी है। फिलहाल इजराइल में डेल्‍टा के नए वेरिएंट AY.12 की पुष्टि हुई है। इजराइल में बढ़ रहे नए वेरिएंट के केस चिंता का विषय बन रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में AY.12 का पहला सैंपल 7 सितंबर 2020 में मिला था।    
 
AY.12 और डेल्‍ट वेरिएंट में अंतर
 
- INSACOG के अनुसार अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि AY.12 कितना भिन्‍न है डेल्‍टा (B.1.617.2) से।
-   इसराइल में सबसे प्रमुख रूप से AY.12 के केस बढ़ रहे हैं। अभी तक की गई स्‍टडी में 51 फीसदी यह वेरिएंट पाया गया है।
-   अभी तक AY.12 ने डेल्‍टा वंश में कुछ परिवर्तन देखा। जैसे स्‍पाइक प्रोटीन में G142D। इसे अभी चिंता का वेरिएंट नहीं माना जा रहा है लेकिन इजरायल में AY.12 में लगातार बढ़ रहे केस की वजह से चिंता जरूर बढ़ रही है।  
- भारतीय अनुसंधान द्वारा GISAID पर अपलोड किए गए। इस अनुसार पिछले सप्‍ताह यानि 26 अगस्‍त 2021 से पहले से अब तक 20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
 
कोरोना की तीसरी लहर
 
देश में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चिंता जारी है। अलग - अलग संस्‍थाओं द्वारा अलग-अलग राय दी जा रही है। वहीं चिंता के बीच कई राज्‍यों में स्कूल फिर से खोलने के आदेश जारी कर दिए है तो कहीं पर विचार -विमर्श जारी है। तीसरी लहर को लेकर वेबदुनिया ने IIT कानपुर के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल से चर्चा की तो उन्‍होंने कहा, 'तीसरी लहर की संभावना कम है। अगर इस बीच डेल्‍टा वेरिएंट बदलता है और उससे भी अधिक संक्रामक वेरिएंट आता है तो तीसरी लहर आ सकती है। नंवबर तक की इसकी संभावना है। 
 

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