कोविड-19 से बचाव के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। लेकिन कोविड के नए वैरिएंट ने दस्तक देकर फिर से चिंता बढ़ा दी है। डेल्टा वैरिएंट के बाद ओमिक्रॉन का सब वैरिएंट BA.2 ज्यादा आक्रामक है। 2 साल बीत चुके लेकिन कोविड का अभी तक किसी भी प्रकार का स्थायी इलाज नहीं मिला है। वैक्सीनेशन ही इस वायरस से बचाव का कारगर उपाय है। एक्सपर्ट के मुताबिक कोविड वैक्सीनेशन से मौत के जोखिम को जरूर कम किया जा सकता है। लेकिन कोविड के दौरान कई सारी अन्य बीमारियों का खतरा भी अधिक बढ़ा है। WHO ने बताया कि कैसे कोविड वैक्सीनेशन से 20 बीमारियों के खतरे को कम किया जा सकता है। आइए जानते हैं कौन-सी बीमारियां है -
कोविड-19, सर्वाइकल कैंसर, हैजा, डिप्थीरिया, इबोला, हेप बी, इन्फ्लुएंजा, जापानी एन्सेफलाइटिस, खसरा, मेनिनजाइटिस,कण्ठमाला,काली खांसी, निमोनिया,पोलियो,रेबीज, रोटावायरस, रूबेला, टिटनस, टाइफाइड, चेचक, पीला बुखार।
ओमिक्रॉन को नहीं ले हल्के में -
जी हां, कोविड की खतरा कम होता नजर आ रहा था लेकिन कोविड केस में एक बार फिर से बढ़ोतरी नजर आ रही है। जिस तरह से दूसरी लहर के दौरान डेल्टा को हल्के में लिया गया था, उसके मद्देनजर यह सलाह दी जा रही है। हालांकि उन्हें कोविड वैक्सीन की डोज नहीं लगी है उनके लिए यह अधिक खतरा साबित हो रहा है। वहीं जो लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं कुछ मरीज जल्दी ठीक हो रहे हैं और कुछ लॉन्ग कोविड का शिकार हो रहे हैं। ओमिक्रॉन का सब वैरिएंट BA.2 अधिक खतरनाक साबित हो रहा है। वह फेफड़ों पर भी असर कर रहा है।
ओमिक्रॉन के लक्षण
हल्का बुखार, गले में खराश, शरीर में दर्द, रात को पसीना आना, छींक आना, उल्टी और भूख न लगना लक्षण शामिल हैं। दक्षिण अफ्रीका के मेडिकल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉ एंजेलिक कोएट्ज़ी ने बताया कि जिन रोगियों को इस प्रकार का निदान किया जा रहा है उनमें गंध या स्वाद की कमी महसूस होने के कोई लक्षण नहीं है।