machar se kaise bache gharelu upay: मानसून के मौसम के आते ही नमी, गंदगी और रुका हुआ पानी मच्छरों के लिए एक आदर्श प्रजनन स्थल बन जाता है। यही वजह है कि हर साल जुलाई से अक्टूबर के बीच डेंगू और चिकनगुनिया जैसे मच्छर जनित रोगों के मामले तेजी से बढ़ जाते हैं। इन बीमारियों के लक्षण भले शुरू में सामान्य लगें, लेकिन लापरवाही की हालत में ये गंभीर स्थिति पैदा कर सकते हैं। अच्छी बात यह है कि डेंगू और चिकनगुनिया से पूरी तरह से बचा जा सकता है, अगर हम समय रहते सतर्क हो जाएं और कुछ आसान लेकिन कारगर उपायों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। आइए विस्तार से जानते हैं कि खुद को और अपने परिवार को इन जानलेवा मच्छर जनित रोगों से कैसे सुरक्षित रखा जाए।
मच्छरों से बचाव ही सबसे बड़ा उपाय है: डेंगू और चिकनगुनिया का कोई खास इलाज नहीं होता, इसलिए सबसे अच्छा तरीका है, मच्छरों से पूरी तरह बचाव करना। यह जरूरी है कि आप अपने घर और उसके आस-पास मच्छरों को पनपने न दें। छोटे-छोटे बर्तनों में जमा पानी, टूटे गमले, कूलर, टायर, या खाली डिब्बे, ये सभी जगहें मच्छरों के अंडे देने के लिए बेहद मुफीद होती हैं। हफ्ते में एक बार इन जगहों को अच्छे से साफ करें या सुखा दें ताकि मच्छरों का जीवन चक्र टूट जाए।
शरीर को रखें मच्छरों से ढका: डेंगू और चिकनगुनिया फैलाने वाले मच्छर ज्यादातर दिन के समय (सुबह और शाम) सक्रिय रहते हैं। ऐसे में घर के अंदर हों या बाहर, पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनना ज़रूरी है। हल्के रंग के, ढीले-ढाले और फुल स्लीव्स वाले कपड़े पहनें ताकि मच्छरों को आपकी त्वचा तक पहुंचने का मौका न मिले। बच्चों के लिए भी यही नियम अपनाएं।
मच्छर भगाने वाले प्रोडक्ट्स का करें इस्तेमाल: घर में और बाहर जाते समय मच्छर भगाने वाली क्रीम, स्प्रे या रोल-ऑन जरूर लगाएं। बच्चों के लिए सुरक्षित फॉर्मूले वाले प्रोडक्ट्स मिलते हैं, जिनका इस्तेमाल करना आसान होता है। इसके अलावा, घर के दरवाज़ों और खिड़कियों पर मच्छरदानी या नेट लगवाएं और रात को सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। इलेक्ट्रॉनिक मच्छर भगाने वाले उपकरण और लिक्विड रिपेलेंट्स का भी प्रयोग किया जा सकता है।
साफ-सफाई रखें सबसे पहले: आपके आस-पास की सफाई सिर्फ सौंदर्य के लिए नहीं, बल्कि सेहत के लिए भी अनिवार्य है। घर के अंदर और बाहर पानी जमा न होने दें। टंकियों को ढककर रखें, फूलों के गमले और ट्रे में जमा पानी रोज़ाना बदलें, और कूलर को हफ्ते में एक बार सूखा दें। अगर आपके मोहल्ले में कहीं जलभराव है तो उसकी जानकारी तुरंत नगर निगम को दें ताकि फॉगिंग करवाई जा सके।
खानपान और इम्युनिटी का रखें ध्यान: डेंगू और चिकनगुनिया से बचाव के लिए आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्युनिटी का मजबूत होना बहुत जरूरी है। अपने भोजन में विटामिन C युक्त फल जैसे कि आंवला, संतरा, नींबू, अमरूद आदि शामिल करें। खूब पानी पिएं और शरीर को हाइड्रेटेड रखें। पत्तेदार सब्ज़ियां, दलिया, मूंग की दाल, और हल्दी वाला दूध जैसे प्राकृतिक चीज़ें आपकी इम्युनिटी को मजबूत बनाएंगी।
बुखार या शरीर दर्द हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें: अगर आपको अचानक तेज बुखार, सिर दर्द, आंखों के पीछे दर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, या शरीर पर लाल दाने दिखाई दें तो इसे नज़रअंदाज़ न करें। यह डेंगू या चिकनगुनिया के लक्षण हो सकते हैं। घरेलू इलाज के चक्कर में पड़ने के बजाय तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और ब्लड टेस्ट कराएं। समय पर इलाज शुरू होने से स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है।
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