Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

परीक्षा से न घबराएं, अपनी मानसिक शक्ति बढ़ाएं

हमें फॉलो करें परीक्षा से न घबराएं, अपनी मानसिक शक्ति बढ़ाएं
परीक्षा के दिनों में शारीरिक व मानसिक रूप से शक्तिशाली होना बहुत आवश्यक है। क्योंकि परीक्षा के माध्यम से ही विद्यार्थी के वर्ष भर की गई पढ़ाई का मूल्यांकन होता है। परीक्षा के समय विद्यार्थियों पर परीक्षा का बहुत अधिक तनाव व दबाव होता है, इस वजह से विद्यार्थी अनावश्यक दबाव में आ जाते हैं और वर्ष भर की पढ़ाई जो उन्होंने की होती है उसे भी वे तनाव व दबाव में भूल जाते हैं और इस प्रकार वर्ष भर की मेहनत पर पानी फिर जाता है।  
 
परीक्षा का खौफ उसे होता है जिसकी तैयारी पूरी न हुई हो। आधुनिक प्रतिस्पर्धा के युग में लगभग सभी बच्चे पूरी तैयारी के बाद ही परीक्षाओं का सामना करते हैं। इन दिनों बच्चों पर परीक्षा बेहतर नतीजे लाने का दबाव बढ़ता ही जा रहा है। कोई पालक 99 से कम प्रतिशत पर समझौता करने को तैयार ही नहीं है। कई बार बच्चा सब कुछ जानते हुए भी पूरी तरह से उत्तर पुस्तिका में नहीं लिख पाता है।
 
 क्या करें
 
पालकों और बच्चों को समझना चाहिए कि परीक्षा में नतीजे के तौर पर प्राप्त हुए नंबर बुद्धि का पैमाना नहीं होते। देखा गया है कि जो बच्चे सुव्यवस्थित अध्ययन करते हैं वे परीक्षाओं में भी अच्छे नंबर ले आते हैं। कई बार तनाव में बच्चा अच्छा परिणाम देता है लेकिन हमेशा अधिक तनाव ठीक नहीं होता। बच्चे की तैयारियों की ओर नजर रखना महत्वपूर्ण होता है। जितनी अच्छी तैयारी होगी बच्चे में उतना ही अधिक आत्मविश्वास होगा। बच्चे को कहें कि वह शांत रहे और तनाव को सही दिशा देने का प्रयत्न करे। बच्चे को एक अच्छा टाइम टेबल बनाने में मदद करें। बच्चों को कहें कि वे सख्ती से टाइम टेबल का पालन करें। 
 
हार जाने का भय हमेशा तनाव बढ़ाता है। यह याद रखें कि दुनिया में 100 प्रतिशत कुछ नहीं होता। मानवीय भूलों के लिए हमेशा गुंजाइश रखें। सकारात्मक नजरिया रखें और चुनौतियों का सामना करने के लिए तत्पर रहें। बच्चों को बताएं कि उन्हें परीक्षा में अपना सबसे बेहतर प्रदर्शन करके दिखाना है। परीक्षा में किसी खास दिन आपका मूड खराब भी हो सकता है। इससे निपटने की कार्ययोजना भी तैयार रखें। परीक्षाओं की तैयारियों का यह मतलब कतई नहीं होता कि नियमित रूप से देर रात तक लगातार पढ़ते रहना है। लंबे समय तक ऐसे जैसे बैठे रहने से बोरियत घर करने लगती है। इससे निपटने के लिए छोटे-छोटे अंतराल में पढ़ाई करें। समय निकालकर ब्रेक लें। केवल चाय या कॉफी से पेट भरने की कोशिश न करें। पौष्टिक भोजन होगा तो पढ़ने के लिए पर्याप्त ऊर्जा भी मिलती रहेगी। पूरे पाठ्यक्रम को एक साथ हाथ में लेने की बजाए टुकड़ों में पढ़ाई करें। जी चुराने की अपेक्षा चुनौतियों का एक-एककर सामना करें। चीनी कहावत है कि हजारों मील लंबा सफर केवल एक कदम उठाने से शुरू होता है। हमेशा पहला कदम आप को ही उठाना है। समस्याओं से मुंह न चुराएं बल्कि उसका सीना खोलकर सामना करें। प्रकृति के खिलाफ जाने की कोशिश न करें। नींद को टालने से बात कभी नहीं बनती। नींद लें लेकिन टुकड़ों में। 
 
 जीवनशैली में परिवर्तन कर लें तो निश्चित ही परीक्षा के दिन तनाव से मुक्त होकर कठिन से कठिन सवालों का सामना कर सकेंगे सप्ताह में एक दिन मंदिर/ मस्जिद/ गुरुद्वारा/ चर्च में अवश्य जाएं। नियमित रूप से अपने धर्म के किसी भी देवी-देवता या इष्ट के मंत्र का जाप अवश्य करें ताकि मानसिक शक्ति और अधिक मजबूत हो सके। 
 
नियमित रूप से संकल्प लें कि "मैं सफल हो सकता हूं/ हो सकती हूं ।" क्योंकि संकल्प हमेशा पूर्ण होने के लिए ही होते हैं। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

चैत्र नवरात्रि व्रत में ऐसे रखें सेहत का ध्यान