गर्मी के दिनों में भोजन के साथ सलाद खाने की सलाह दी जाती है। लेकिन मुख्य रूप से प्याज जरूर खाने चाहिए। इसके कई सारे सेहत को गर्मी में लाभ मिलते हैं। तो आइए जानते हैं प्याज के 10 अचूक लाभ -
1 गर्मी के दिनों में प्याज किसी अमृत से कम नहीं है। प्रतिदिन भोजन में प्याज को शामिल कर और कहीं बाहर जाने पर अपने साथ एक छोटा प्याज रखकर आप गर्मी के प्रकोप से बच सकते हैं। यह लू लगने से आपको बचाएगा।
2 लू लग जाने पर या फिर गर्मी के कारण होने वाली अन्य समस्याओं में प्याज का प्रयोग लाभदायक होता है। प्याज को फोड़क का दरदरा पीसकर पानी में डालें और इस पानी में पैर डालकर बैठ जाएं। इससे बढ़ी हुई गर्मी और लू उतर जाएगी। हाथ की हथेलियों पर भी इसे मलना फायदेमंद होगा।
3 सिर पर गर्मी चढ़ जाने की स्थिति में बालों में प्याज का रस लगाकर रखें और 1 घंटे बाद धो लें। ऐसा 1 दो दिन में करते रहें, सिर में ठंडक मिलेगी, साथ ही बाल भी रेशमी हो जाएंगे।
4 शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए प्याज बहुत फायदेमंद है। यह न केवल कई तरह की बीमारियों से आपको बचाता है, बल्कि सब्जियों में पकाने के दौरान इस्तेमाल होने के कारण विटामिन-सी के रूप में भी यह फायदेमंद होता है।
5 ज्यादातर लोग अपच की समस्या से परेशान रहते हैं। अगर आपको भी यह समस्या परेशान करती है, तो आप भी प्याज का सेवन जरूर करें। प्याज के सेवन से शरीर में पाचक रस का प्रवाह ज्यादा होता है जो खाने को पचाने में सहायक होता है।
6 कैंसर जैसे रोग से बचने के लिए प्याज एक बेहतरीन औषधि है। यह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है और इसमें विटामिन सी भी पाया जाता है जो कैंसर की रोकथाम में मददगार होता है।
7 सांस संबंधी रोग होने पर प्याज काफ लाभदायक है, इसके अलावा गठिया के इलाज में भी प्याज का उपयोग किया जाता है। भुना हुआ प्याज खाने से भी कई समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
8 कान में किसी प्रकार की समस्या होने पर प्याज को राख में भूनकर उसका गुनगुना रस निकाल लें। अब इस रस को कान में डालने पर कान दर्द एवं अन्य समस्या समाप्त हो जाएगी।
9 महिलाओं में मासिक धर्म से जुड़ी समस्या होने पर प्याज के रस में शहद मिलाकर सेवन करने पर बहुत लाभ मिलता है। अत्यधिक दर्द होने की स्थिति में भी इससे लाभ होता है।
10 इसके अलावा त्वचा व बालों के सौंदर्य को बढ़ाने के लिए भी प्याज के रस का प्रयोग किया जाता है। साथ चर्म रोग होने की स्थिति में प्याज के रस को तिल्ली या अलसी का तेल मिलाकर लगाने से लाभ होता है।