1 पानी में गुड़ डालिए, बीत जाए जब रात,
सुबह छानकर पीजिए, अच्छे हों हालात।
2 धनिया की पत्ती मसल, बूंद नैन में डार
दुखती अंखियां ठीक हों, पल लागे दो-चार।
3 ऊर्जा मिलती है बहुत, पिएं गुनगुना नीर,
कब्ज खतम हो पेट की, मिट जाए हर पीर।
4 प्रातः काल पानी पिएं, घूंट-घूंट कर आप,
बस दो-तीन गिलास है, हर औषधि का बाप।
5 ठंडा पानी पियो मत, करता क्रूर प्रहार,
करे हाजमे का सदा, ये तो बंटाढार।
6 भोजन करें धरती पर, अल्थी-पल्थी मार,
चबा-चबा कर खाइए, वैद्य न झांकें द्वार।
7 प्रातः काल फल रस लो, दुपहर लस्सी-छांस,
सदा रात में दूध पी, सभी रोग का नाश।
8 प्रात-दोपहर लीजिए, जब नियमित आहार,
तीस मिनट की नींद लो, रोग न आवें द्वार।
9 भोजन करके रात में, घूमें कदम हजार,
डाक्टर, ओझा, वैद्य का, लुट जाए व्यापार।
10 घूंट-घूंट पानी पियो, रह तनाव से दूर,
एसिडिटी या मोटापा, होवें चकनाचूर।
11 अर्थराइज या हार्निया, अपेंडिक्स का त्रास,
पानी पीजै बैठकर, कभी न आवें पास।
12 रक्तचाप बढ़ने लगे, तब मत सोचो भाय,
सौगंध राम की खाइ के, तुरत छोड़ दो चाय।
13 सुबह खाइए कुवंर-सा, दुपहर यथा नरेश,
भोजन लीजै रात में, जैसे रंक सुरेश।
14 देर रात तक जागना, रोगों का जंजाल,
अपच, आंख के रोग संग, तन भी रहे निढाल।
15 दर्द, घाव, फोड़ा, चुभन, सूजन, चोट पिराइ,
बीस मिनट चुंबक धरौ, पिरवा जाइ हेराइ।
16 सत्तर रोगों को करे, चूना हमसे दूर,
दूर करे ये बांझपन, सुस्ती अपच हुजूर।
17 भोजन करके जोहिए, केवल घंटा डेढ़,
पानी इसके बाद पी, ये औषधि का पेड़।
18 अलसी, तिल, नारियल, घी, सरसों का तेल,
यही खाइए नहीं तो, हार्ट समझिए फेल।
19 पहला स्थान सेंधा नमक, पहाड़ी नमक सु जान,
श्वेत नमक है सागरी, ये है जहर समान।
20 एल्यूमिन के पात्र का, करता है जो उपयोग,
आमंत्रित करता सदा, वह अड़तालीस रोग।
21 फल या मीठा खाइके, तुरत न पीजै नीर,
ये सब छोटी आंत में, बनते विषधर तीर।
22 चोकर खाने से सदा, बढ़ती तन की शक्ति,
गेहूं मोटा पीसिए, दिल में बढ़े विरक्ति।
23 रोज मुलहठी चूसिए, कफ बाहर आ जाए,
बने सुरीला कंठ भी, सबको लगत सुहाए।
24 भोजन करके खाइए, सौंफ, गुड़, अजवान,
पत्थर भी पच जाएगा, जानै सकल जहान।
25 लौकी का रस पीजिए, चोकर युक्त पिसान,
तुलसी, गुड़, सेंधा नमक, हृदय रोग निदान।
26 चैत्र माह में नीम की, पत्ती हर दिन खावे,
ज्वर, डेंगू या मलेरिया, बारह मील भगावे।
27 सौ वर्षों तक वह जिए, लेते नाक से सांस,
अल्पकाल जीवें, करें मुंह से श्वासोच्छ्वास।
28 सितम गर्म जल से कभी, करिए मत स्नान,
घट जाता है आत्मबल, नैनन को नुकसान।
29 हृदय रोग से आपको, बचना है श्रीमान,
सुरा, चाय या कोल्ड्रिंक, का मत करिए पान।
30 अगर नहावें गरम जल, तन-मन हो कमजोर,
नयन ज्योति कमजोर हो, शक्ति घटे चहुंओर।
31 तुलसी का पत्ता करें, यदि हरदम उपयोग,
मिट जाते हर उम्र में, तन में सारे रोग।