Habits That Damage Your Brain: हमारी तेज रफ्तार जिंदगी में हम शरीर की सेहत का ख्याल ज़रूर रखते हैं, जिम, हेल्दी डाइट या योगा कर लेते हैं। लेकिन सबसे कीमती हिस्सा, दिमाग या ब्रेन हेल्थ अक्सर हमारी अनदेखी बन जाती है। दिमाग की सेहत सीधे हमारे मूड, याददाश्त, फोकस और लाडूसफरही प्रतिक्रियाशीलता पर असर डालती है। आज के इस लेख में हम बात करेंगे उन 5 आम आदतों के बारे में, जो रोजाना की जिंदगी में हमारी रसोई, ऑफिस या बेडरूम से जुड़ी होती हैं और जो धीरे-धीरे हमारे दिमाग को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इन आदतों को समझना और सुधारना जरूरी है, क्योंकि एक प्रशिक्षण-युक्त और स्वस्थ दिमाग ही आपको जीवन की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाता है।
बहुत ज्यादा स्क्रीन टाइम
मोबाइल, लैपटॉप, टीवी… ये सब चीजें हमारे काम और मनोरंजन का अहम हिस्सा बन गई हैं। लेकिन अगर आप दिन में 5 से 6 घंटे से ज्यादा लगातार स्क्रीन देख रहे हैं, तो यह आपके ब्रेन की ग्लूकोज और ऑक्सीजन डिमांड को बिगाड़ सकता है। समय के साथ आंखों में धुंधलापन, सिरदर्द, नींद की कमी और एनर्जी ड्रॉप जैसी समस्याएं आने लगती हैं। इसे कैसे बदलें? 25–30 मिनट स्क्रीन के बाद 5 मिनट ब्रेक लेना, ब्लू-लाइट फ़िल्टर या रीडिंग ग्लासेज़ का प्रयोग करना और दिन में कोई डिजिटल-फ्री एक्टिविटी करना मददगार हो सकता है।
डिप्रेशन और स्ट्रेस इग्नोर करना
लंबे समय तक चिन्ता, मानसिक थकान और भावनात्मक दबाव दिमाग को कमजोर करते हैं। Cortisol नामक स्ट्रेस हार्मोन के लंबे समय तक सक्रिय रहने से ब्रेन सेल्स के कनेक्टिविटी पर बुरा असर पड़ता है, जिससे याददाश्त, फोकस और रचनात्मकता प्रभावित होती है। इसे कैसे बदलें? स्ट्रेस मैनेजमेंट के लिए नियमित मेडिटेशन, वॉक, किताब पढ़ना या संगीत सुनना आजमाएं। अगर आपका मूड महीनों से डिप्रेस्ड लग रहा है, तो ज़रूर प्रोफेशनल हेल्प लें।
नहीं ले रहे नींद
नींद सिर्फ आराम नहीं देता, यह दिमाग को रिफ्रेश, रीसेट और रिपेयर करता है। अगर आप रोज़ाना 6 घंटे से कम सोते हैं, तो आपकी मेमोरी, लर्निंग कैपेसिटी, और इमोशनल बैलेंस दुरुस्त नहीं रह पाती। सोते समय डॉक्टर्स नेचर शरीर को रिफिल करता है, यह कहते हुए कि स्लीप इज़ द बेस्ट मेडिसिन सच कह रहा है। इसे कैसे बदलें? एक नियमित सोने-जागने का टाइम रखें, सोने से एक घंटे पहले मोबाइल और टीवी बंद करें और केवल आरामदायक गतिविधियां करें।
चीनी और प्रोसेस्ड फूड्स की लत
स्नैक्स, सोडा, पैकेज्ड स्वीट्स, यह सब स्वाद में तो बिल्कुल लाजवाब होते हैं, लेकिन इनमें मौजूद प्रोसेस्ड शुगर ब्रेन में डोपामिन-रिवॉर्ड सिस्टम को बुरी तरह तोड़ता है। इससे क्रेविंग बढ़ती है, मूड स्विंग्स होती हैं और लॉन्ग-टर्म में ब्लड शुगर असंतुलन हो सकता है।
इसके लिए उपाए: ताजे फलों से मीठा क्रेव करें, घर पर स्नैक्स बनाएं और HFN (High Fiber Natural) का चुनाव रखें।
मशीन की तरह सूखते दिमाग की वार्निंग
हमारे दिमाग का लगभग 75% हिस्सा पानी है और अगर आप दिन में केवल 1 लीटर पानी पीते हैं, तो यह ब्रेन सेल्स को छोटे-छोटे ड्रॉप्स में नुकसान कर सकता है। इसके लक्षण थकान, ध्यान की कमी और फोकस न कर पाना हो सकते हैं। इसे कैसे बदलें? एक स्टील की बोतल रखें और हर घंटे में एक-एक कप पानी ज़रूर पीएं। ग्रीन टी, नींबू पानी या नारियल पानी भी एक अच्छा विकल्प हैं।
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