वात के प्रकोप से कभी-कभी ऐसी हिचकी चलती है जो बंद ही नहीं होती। प्रायः साधारण हिचकी पानी पीने, प्राणायाम करने, किसी चिंताजनक बात पर विचार करने और घी-चावल खाने से बंद हो जाती है पर कभी-कभी कोई भी उपाय हिचकी बंद करने में कामयाब नहीं हो पाता।
ऐसी स्थिति में निम्नलिखित उपाय करना चाहिए-
* मोर पंख का चन्द्राकार भाग, पीपल का चूर्ण और शहद लें, मोरपंख का चन्द्राकार भाग कैंची से काटकर जला लें और भस्म कर लें। पीपल (पीपर) को खूब बारीक पीस लें। दोनों को समान मात्रा में मिला लें। इस मिश्रण को एक चम्मच शहद में मिलाकर चाट लें।
लाभ- इस प्रयोग से एक या दो बार सेवन करने पर ही हिचकी चलना बंद हो जाती है। जब तक हिचकी बंद न हो, तब तक भोजन नहीं करना चाहिए। भूख का शमन करने के लिए दूध में 8-10 मनुक्का (बीज हटाकर) और 2 ग्राम सौंठ चूर्ण डालकर पीना चाहिए।