आजकल दिल से संबंधित बीमारियां बहुत हो रही हैं। इनमें हार्ट अटैक की खबरें सुनने को मिल रही है। पिछले दिनों कुछ टीवी हस्तियों की जान अटैक की वजह से चली गई। कोरोना काल में भी दिल के दौरे बहुत लोगों को आए।
ऐसे में समय पर हाई कोलेस्ट्रोल के बारे में पता चलाना बहुत जरूरी है। वैसे हाई कोलेस्ट्रॉल के बारे में पता ब्लड टेस्ट से लगता है, लेकिन अगर आपके पैरों में किसी तरह की तकलीफ है तो उसकी वजह बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल हो सकता है।
आजकल खराब लाइफस्टाइल की वजह से कई तरह की डिसीज हो रही है। हाई कोलेस्ट्रॉल भी इन्हीं में से एक है। अगर आपको भी आए दिन पैरों में अलग-अलग तरह की तकलीफ रहती है तो ये बढ़े हुए कोलेस्ट्रोल का संकेत हो सकती है।
पैरों में तकलीफ –
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कोलेस्ट्रॉल बिल्ड-अप की सबसे बड़ी खराबी ये है कि ये कोई लक्षण नहीं दिखाती जब तक कि डेंजरस लेवल पर नहीं पहुंच जाती। हालांकि कुछ बातों से इसका हिंट पता लगाया जा सकता है।
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जब कोलेस्ट्रॉल के कारण पैरों की नशे ब्लॉक हो जाती हैं तो वहां ठीक तरह से ऑक्सीजन नहीं पहुंचता। इस कारण से नीचे के पैरों और कई बार पिंडलियों में बहुत दर्द होता है।
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हाई कोलेस्ट्रॉल में व्यक्ति को अक्सर क्रैम्प्स पड़ते हैं। वह रात को सोते समय अचानक पैरों में क्रैम्प पड़ने से उठ खड़ा होता है। जब ब्लड फ्लो नीचे पहुंचता है तब आराम मिलता है।
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ब्लड फ्लो ठीक से न होने के कारण पैरों की उंग्लियों के नाखूनों का कलर बदलने लगता है और स्किन का रंग भी अजीब सा हो जाता है।
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मौसम चाहे जैसा भी हो ऐसे लोगों के पैर हमेशा ठंडे रहते हैं। आप गर्मी में भी इनके पैर छुएंगे तो वे ठंडे पड़े होंगे। इनमें से कोई भी लक्षण अगर लंबे समय तक आप में दिखाई दे तो सावधान हो जाएं और अपने डॉक्टर से विचार विमर्श करें।