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Health Tips : लिवर की सूजन को समझ लेते हैं मोटापा, कहीं पेट का संक्रमण तो नहीं जानें कैसे पहचानें

हमें फॉलो करें Health Tips : लिवर की सूजन को समझ लेते हैं मोटापा, कहीं पेट का संक्रमण तो नहीं जानें कैसे पहचानें
पेट की समस्या होने पर दिन-रात सब खराब हो जाते हैं। अगर पेट खराब होता है तो वह दवा से ठीक हो जाता है लेकिन संक्रमण होने पर वह आसानी से ठीक नहीं होते हैं। ऐसे में हेल्‍थ एक्‍सपर्ट डॉ. सरिता जैन MD (होम्‍योपैि‍थक) बताया कि कैसे पेट के संक्रमण को पहचानें और संक्रमण हो जाने पर क्‍या सावधानियां बरतना चाहिए -  

पेट के संक्रमण को कैसे पहचानें

• यदि हर रोज गहरे रंग का पेशाब या मल आने लगे तो समझें कि लीवर में कुछ गड़बड़ी है।

• आपके मुंह से बदबू आए तो समझे कि  लिवर में कुछ गड़बड़ी है। ऐसा इसलिये होता है, क्योंकि मुंह में अमोनिया ज्यादा रिसता है।

• त्वचा का रंग उड़ जाए और उस पर सफेद रंग के धब्बे पड़ने लगे हैं तो इसे लिवर स्पॉट के नाम से जाना जाता है।

• लिवर खराब होने का एक और संकेत है। ऐसी स्थिति में त्वचा क्षतिग्रस्त होने लगती है और उस पर थकान दिखाई पड़ने लगती है।

• यदि आपके लिवर पर वसा जमी हुई है और वह बड़ा हो गया है तो आपको पानी भी हजम नहीं होगा।

• लिवर अपनी सेहत बिगड़ने पर एक एंजाइम पैदा करता है, जिसका नाम है बाइल। यह स्वाद में बहुत खराब लगता है। यदि आपके मुंह में कड़वाहट लगे तो इसका मतलब है कि आपके मुंह में बाइल पहुंच रहा है, सावधान हो जाएं।

• जब  लिवर बड़ा हो जाता है तो पेट में सूजन आ जाती है, जिसको हम अकसर मोटापा समझने की भूल कर बैठते हैं।

जब संक्रमण हो जाए

• गुनगुना पानी पिएं तथा यथासंभव कम मसाले वाला खाना खाएं। पेट का दर्द असहनीय हो तो तुरंत किसी अनुभवी डॉक्टर के परामर्श से अल्ट्रासाउंड कराएं।

• इसमें डायरिया और उल्टी की वजह से शरीर से पानी के साथ-साथ सोडियम, पोटेशियम और अन्य मिनरल भी कम हो जाते हैं। इसलिए पानी के साथ-साथ इलेक्ट्रॉल पाउडर लें। ऐसे में आपको नमक और चीनी का घोल भी पीना चाहिए। स्पोर्ट्स ड्रिंक पीने से बचना चाहिए, क्योंकि बीमारी की स्थिति में इनका इस्तेमाल ठीक नहीं होता।

• अधिक डकार आना भोजन के पाचन में गड़बड़ी का कारण हो सकता है। ऐसी स्थिति में आप आयुर्वेदिक औषधि या अजवाइन के इस्तेमाल से भी इस समस्या से निदान पा सकते हैं।

• भोजन एवं दिनचर्या के नियमों का ठीक से पालन करें। समय पर खाना खाएं। रोज लौकी के रस का इस्तेमाल करें।

• व्रत एवं उपवास से बचें तथा कुछ-कुछ घंटे पर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में भोजन करते रहें। • अधिक गर्म चाय, कॉफी एवं शराब जैसे उत्तेजक पदार्थ इस समस्या को बढ़ा देते हैं :-

• भोजन में सलाद की मात्रा बढ़ाएं और ठंडा दूध, ककड़ी, खीरा, तरबूज आदि का सेवन करें।

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