Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

Expert Advice - सावधान! इंदौर में आ सकते हैं 5000 से अधिक केस

हमें फॉलो करें Expert Advice -  सावधान! इंदौर में आ सकते हैं 5000 से अधिक केस
webdunia

सुरभि भटेवरा

, शुक्रवार, 7 जनवरी 2022 (18:46 IST)
इंदौर में कोरोना की रफ्तार भी बढ़ती जा रही हैं। अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। शहर में बढ़ती कोरोना की संख्या पर जिला क्राइसिस कमेटी के सदस्य डॉ. निशांत खरे का बड़ा चौंकाने वाला बयान आया है। उन्होंने कहा कि, 'दुनियाभर में जिस तरह से ओमिक्रॉन मरीजों की संख्या बढ़ रही है, इंदौर में भी आने वाले दिनों में एक दिन में 5 हजार से ज्यादा केस आए तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा अभी सेफली यह माना जा सकता है कि मरीजों की संख्या और जितनी भी जीनोमिंग टेस्ट हो ही है उसमें 70-80 प्रतिशत में ओमिक्रॉन ही होना चाहिए। ओमिक्रॉन 8-10 गुना तेजी से ज्यादा फैलता है। साथ ही वैक्सीनेटेड लोगों को दोबारा हो रहा है और जिन्हें हो चुका है उन्हें भी हो रहा है।'' उनके द्वारा दिए गए इस स्‍टेटमेंट पर वेबदुनिया ने डॉ. निशांत खरे से चर्चा कर जाना कि यह कितना बड़ा चिंता का विषय है।

दुनियाभर के डेटा को देखते हुए यह अभी संभावना जताई जा रही है। US में दूसरी लहर के दौरान हाई पीक 1,50,000 का था, वहीं अब तीसरी लहर में 10 लाख केस आ रहे हैं। ऐसे में विश्व की सभी प्रमुख सीटी पर की दूसरी लहर और तीसरी लहर पर नजर डाली जाए तो आप अंदाजा लगा सकते हैं। आंदोलन करेंगे तो बहुत अंतर देखेंगे। ऐसे में इंदौर में दूसरी लहर के दौरान 1800 से 2000 तक पहुंच गए थे। वहीं अब इस वायरस की संक्रामकता अधिक फैलने की दर अधिक होने के कारण संभावना है कि 5000 तक केस पहुंच सकते हैं।

लक्षण नहीं दिखने पर भी फेफड़ों को संक्रमित कर रहा कोरोना। कैसे पहचानें लक्षण?
 
अगर आप संक्रमित होते हैं तो अपने डॉक्टर के संपर्क में रहे। आप होम आइसोलेशन में हैं या कोविड केयर सेंटर में। अपने डॉक्टर के संपर्क में रहे। क्योंकि आपका चिकित्सक बीमारी को जल्दी और पहले पकड़ सकता है। तो संक्रमित होने पर शुरू से डॉ. के संपर्क में बने रहे। 

कोरोना की चपेट में आने से कैसे बचें?

मास्‍क ही इसका समाधान है। ताकि इसे हमारे अंदर पहुंचने की गति का धीमा कर सके। साथ ही अनावश्यक रूप से ट्रेवल नहीं करें। भीड़भाड़ वाली जगह पर नहीं जाए। किसी संक्रमित मरीज के संपर्क में आने पर सबसे पहले टेस्ट कराएं।

डेल्टा और ओमिक्रॉन दोनों के केस आ रहे हैं?

दोनों के केस आ रहे हैं लेकिन अब ओमिक्रॉन हावी हो रहा है।संभावना है कि आने वाले वक्त में ओमिक्रॉन ही डोमिनेंट वैरिएंट हो जाएगा।

दोनों डोज लगने के बाद भी संक्रमित हो रहे हैं क्या कारण है?

दरअसल,  ओमिक्रॉन इम्‍युनिटी इवेड करता है यानी एंटीबॉडी का इस पर असर नहीं होता है। जिन्हें कोविड हो चुका है उन्‍हें भी दोबारा होगा,जिन्हें नहीं हुआ है उन्‍हें भी हो सकता है। और उन्हें दोनों डोज लग गए है उन्‍हें भी हो रहा है। इसलिए अब मास्‍क पहले से अधिक महत्वपूर्ण है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

इतना दूर मत जाना कि मैं तुम्‍हें देखूं तो तुम यह देख ही न पाओ कि मैं तुम्‍हें देख रहा हूं