पिछले साल जब कोरोना का कहर बरपा तो इसकी जांच के लिए लंबी कतारें लगी थी, तो वहीं कई लैबोरेटरी वालों ने घर आकर कोरोना जांच की भी सुविधा शुरू की थी।
लेकिन अब जब ओमिक्रॉन का कहर एक बार फिर हमारे सामने है ऐसे में एट-होम कोविड टेस्ट की चर्चा की जा रही है। इसे लेकर चर्चा चल रही है कि ये कितना कारगर तरीका है कोविड की जांच के लिए।
हालांकि भारत में आईसीएमआर ने कुछ किट को घर में इस्तेमाल करने की मंजूरी दी है। दूसरी तरफ अमेरिका के डॉ फौसी ने भी इसे इस्तेमाल करने में कोई हर्ज नहीं बताया है।
आइए जानते हैं क्या है एट होम कोविड टेस्ट किट और भारत में इसे लेकर क्या चर्चा है।
एट-होम कोविड टेस्ट का मतलब है कि आपको जांच के लिए कोविड सेंटर जाने की जरुरत नहीं, बल्कि घर बैठे भी यह जांच हो सकती है।
दरअसल, इसके लिए बाजार में एट-होम कोरोना टेस्ट किट उपलब्ध हैं। लेकिन इसकी एक्यूरेसी को लेकर अभी कई सवाल हैं, जिसके जवाब विशेषज्ञ खोज रहे हैं।
यह भी चर्चा है कि अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने दावा किया था कि एट-होम टेस्ट ओमिक्रॉन होने पर गलत रिजल्ट बता सकता है।
आखिर क्या है एट-होम टेस्ट?
कोरोना टेस्ट करवाने के लिए रैपिड एंटीजन या RT-PCR या इसी तरह के दूसरे टेस्ट करवाने होते हैं। इन सभी टेस्ट के लिए मेडिकल एक्सपर्ट और लैब की जरूरत होती है। कोरोना का एट-होम टेस्ट प्रेग्नेंसी टेस्ट किट की तरह होता है। इसमें सैंपल डालकर 15 से 20 मिनट में कोरोना का पता चल जाता है। इस टेस्ट किट के जरिए कोई भी व्यक्ति बिना किसी लैब के अपने घर पर ही यह पता लगा सकता है कि वो पॉजिटिव है या नेगेटिव। बाजार में यह किट 250-500 रुपए की कीमत में मिल रही है।
भारत सरकार रियल टाइम पोलीमरेज चेन रिएक्शन (RT-PCR) टेस्ट को गोल्ड स्टैंडर्ड टेस्ट मानती है। इसमें मरीज की नाक या गले से सैंपल लिया जाता है। ये टेस्ट लैब में 4-5 घंटों तक किया जाता है। इसमें राइबोन्यूक्लिक एसिड (RNA) की जांच की जाती है, जो कि वायरस का जेनेटिक मटेरियल होता है। अगर सैंपल का जेनेटिक सीक्वेंस कोरोना वायरस के जेनेटिक सीक्वेंस से मेल खाता है, तो मरीज को कोविड पॉजिटिव माना जाता है।
एट-होम कोरोना टेस्ट एक रैपिड एंटीजन टेस्ट है। इसमें सैंपल निकालने का तरीका RT-PCR के समान है, लेकिन ये लैब में नहीं किया जाता। ये शरीर में वायरस का पता तुरंत लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। रैपिड एंटीजन टेस्ट वायरस की सतह पर मिलने वाले प्रोटीन और मॉलिक्यूल्स का पता लगाता है।
विशेषज्ञों की माने तो दोनों ही टेस्ट कोरोना वायरस की ओरिजिनल स्ट्रेन (SARS-CoV-2) को पकड़ने में कारगर हैं। हालांकि, ओमिक्रॉन वैरिएंट कई बार एट-होम टेस्ट से बचकर निकल जाता है। इस कारण टेस्ट किट रिजल्ट नेगेटिव बता देता है।
SARS-CoV-2 के केस में एट-होम कोरोना टेस्ट अधिकतर सही रिजल्ट देता है। केवल 15 मिनट में व्यक्ति को पता चल जाता है कि वो कोविड पॉजिटिव है या नहीं। हालांकि, RT-PCR टेस्ट की तुलना में ये ज्यादा एक्यूरेट नहीं होता है।
FDA ने हाल ही में इसके रिजल्ट्स कहा था कि एट-होम टेस्ट कोरोना के सारे वैरिएंट्स की जांच कर सकता है, लेकिन ओमिक्रॉन को पकड़ने में इसे मुश्किल होती है।
क्या कहा डॉक्टर फौसी ने?
अमेरिका के टॉप डॉक्टर एंथनी फौसी का कहना है कि भले ही घर पर करने वाला कोरोना टेस्ट ओमिक्रॉन को पकड़ने में कम कारगर है, लेकिन फिर भी ये संक्रमण का पता लगाने का एक अच्छा तरीका है।
ICMR ने दी मंजूरी
भारत में विशेषज्ञ और सरकार इसका इस्तेमाल करने के लिए कह रहे हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कई होम टेस्टिंग किट्स को मंजूरी दी है। इनमें कोवीसेल्फ, पैनबियो कोविड-19 एंटीजन, एंगस्ट्रॉम एंगकार्ड कोविड-19 एंटीजन रैपिड टेस्ट किट, आदि शामिल हैं। इन सभी टेस्ट किट्स की कीमत 250 से 500 रूपए के बीच है।