कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भारत ने अपने नागरिकों को महामारीरोधी टीके की 150 करोड़ खुराक देकर एक ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया है और दुनिया के ज्यादातर बड़े-बड़े देशों के लिए भी यह किसी आश्चर्य से कम नहीं है।
कोलकाता स्थित चित्तरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (सीएनसीआई) के दूसरे परिसर का वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह उपलब्धि भारत के 130 करोड़ लोगों के सामर्थ्य का प्रतीक है। इस अवसर पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया सहित कई केंद्रीय मंत्री व नेता उपस्थित थे।
इस परिसर का निर्माण 530 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है। इसमें केंद्र सरकार ने करीब 400 करोड़ रुपए दिए हैं जबकि शेष राशि पश्चिम बंगाल सरकार ने खर्च की। सीएनसीआई पर कैंसर मरीजों का भारी बोझ था और पिछले कुछ समय से इसके विस्तार की जरूरत महसूस की जा रही थी। सीएनसीआई के नए परिसर के बन जाने से उस पर पड़ने वाला बोझ कम होगा। नए परिसर में 460 बिस्तरों वाला व्यापक कैंसर यूनिट होगा, जो अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। यह परिसर कैंसर अनुसंधान के एक अत्याधुनिक केंद्र के रूप में भी काम करेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अस्पताल के नए परिसर के उद्घाटन से देश के हर नागरिक तक उत्तम स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने के संकल्पों को आगे बढ़ाने की दिशा में हमने एक और कदम बढ़ाया है। यह परिसर पश्चिम बंगाल के अनेक नागरिकों के लिए सुविधा लेकर आया है। इससे विशेष रूप से उन गरीब व मध्यम वर्ग परिवारों को बहुत राहत मिलेगी जिनका कोई अपना कैंसर से मुकाबला कर रहा है।
टीकाकरण अभियान का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि आज ही देश ने एक और महत्वपूर्ण पड़ाव को पार किया है। उन्होंने कहा कि साल की शुरुआत देश में 15 से 18 साल की उम्र के बच्चों के लिए टीकाकरण से की गई थी, वहीं आज साल के पहले महीने के पहले हफ्ते में भारत ने टीकों की 150 करोड़ खुराक के ऐतिहासिक मुकाम को भी हासिल किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि टीकों की 150 करोड़ खुराक और वह 1 साल से कम समय में देने का लक्ष्य हासिल करना बहुत बड़ी उपलब्धि है और यह आंकड़ों के हिसाब से बहुत बड़ी संख्या है। दुनिया के ज्यादातर बड़े-बड़े देशों के लिए भी यह किसी आश्चर्य से कम नहीं है लेकिन भारत के लिए यह 130 करोड़ देशवासियों के सामर्थ्य का प्रतीक है। यह नए भारत की नई इच्छाशक्ति का प्रतीक है, जो असंभव को संभव करने के लिए कुछ भी कर गुजरने का हौसला रखता है।
उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में टीकाकरण कार्यक्रम उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना खतरनाक यह वेश बदलने वाला कोरोनावायरस है। आज एक बार फिर दुनिया कोरोना के नए स्वरूप ओमिक्रॉन का सामना कर रही है। हमारे देश में भी इस नए वैरिएंट के कारण मामले तेजी से बढ़ रहे हैं इसलिए टीकों की 150 करोड़ खुराक का सुरक्षा कवच हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है।
मोदी ने कहा कि आज भारत की वयस्क जनसंख्या में से 90 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को टीके की 1 खुराक लग चुकी है और सिर्फ 5 दिनों के भीतर ही 1.50 करोड़ से ज्यादा बच्चों को भी टीकों की खुराक दी जा चुकी है। यह उपलब्धि पूरे देश की है, हर सरकार की है। मैं विशेष रूप से इस उपलब्धि के लिए देश के वैज्ञानिकों, टीका निर्माताओं और स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े कर्मचारियों का बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं।