कमलगट्टे का नाम तो आपने सुना ही होगा। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि पूजा-पाठ और मंत्रजाप की माला में प्रयोग किया जाने वाला कमलगट्टा खाने के काम भी आता है। बेशक आपको हैरानी हो, लेकिन एक बार अगर आप इसका स्वाद चखेंगे तो इसे बार-बार खाना चाहेंगे।
दरअसल कमलगट्टा, कमल का ही फल है, जिसका निर्माण कमल के फूल से ही होता है। कमल के इस फल में मौजूद बीजों को छीलकर खाया जाता है, जो मूंगफली की तरह होते हैं। इनका स्वाद भी मूंगफली की तरह ही होता है, बल्कि यह कहा जा सकता है कि मूंगफली से भी ज्यादा स्वादिष्ट होते हैं। यह स्वादिष्ट छोटा सी बीज कई प्रकार के पोषक तत्वों से भरपूर होता है। यह डाइबिटीज, दिमागी क्षमता, प्रजनन क्षमता, किडनी और पाचन तंत्र के लिए बेहद फायदेमंद होता है।
कमलगट्टे की खासियत यह है कि यह साल भर में एक बार कुछ ही समय के लिए बाजार में उपलब्ध होते हैं। लेकिन इनकी मांग बनी रहती है और इसके प्रशंसकों की संख्या कभी कम नहीं होती। कमलगट्टे की तरह ही कमल की जड़ यानि कमल-ककड़ी का प्रयोग भी सब्जी के रूप में किया जाता है। खास तौर से पंजाब में इसे लोग काफी पसंद करते हैं। इसके अलावा भी सिंधी और पंजाबी लोगों में कमल-ककड़ी को बेहद पसंद किया जाता है।