डेंगू बुखार मादा मच्छर के काटने से होती है। यह मच्छर दिन में काटता है। डेंगू के मरीजों को तेज बुखार होता है, जो कई सप्ताह तक रहता है। ऐसे मच्छर साफ पानी में पैदा होते हैं न कि गंदे या खराब पानी में। उनका पूरी तरह सफाया करना असंभव है क्योंकि ये गर्म वातावरण में भी रह सकते हैं। पानी के संपर्क में आने के साथ ही ये वयस्क खतरनाक मच्छर बन जाता है। डेंगू की बीमारी मानसून के मौसम में बहुत आम है। इससे बचने के लिए इसके लक्षणों को जानना और इलाज करना जरूरी है।
डेंगू के लक्षण
तेज बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द, भूख की कमी, उल्टी, डायरिया, आंखों में दर्द, थकान, सुस्ती, घुटने का दर्द, शरीर में लाल धब्बे, नाक से खून ये सब डेंगू के लक्षण हैं।
नारियल पानी
डेंगू बुखार से छुटकारा पाने के लिए नारियल का पानी ज्यादा पिएं। उसमें मौजूद पोषक तत्व जैसे मिनरल्स और इलेक्ट्रोलाइट्स शरीर को मजबूती प्रदान करने में मदद करते हैं।
चुकंदर और गाजर
तीन से चार चम्मच चुकंदर का जूस एक ग्लास गाजर के जूस में मिलाएं और उसे डेंगू के मरीज को पीने के लिए दें। ये ब्लड सेल्स की संख्या को तेजी से बढ़ाता है।
तुलसी
पानी में 10-12 तुलसी की पत्तियां और दो ग्राम काली मिर्च को उबालना भी फायदेमंद होता है। उबालकर उसे ठंडा करें और दिन में चार से पांच बार पिएं। इससे आपके शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है।
हल्दी और दूध
हल्दी को दूध में मिलाकर पीना न सिर्फ जल्दी घाव भरने के लिए फायदेमंद है बल्कि डेंगू बुखार से तुरंत राहत प्रदान करने में भी कारगर है। आधा चम्मच हल्दी को गुनगुने दूध में मिलाकर पिएं।
पपीते की पत्तियां
पपीते की पत्तियों का जूस न सिर्फ ब्लड सेल्स को बढ़ाता है बल्कि दर्द, कमजोरी और थकान को शरीर से दूर करने में भी मदद करता है। आप उसकी पत्तियों को पीस भी सकते हैं या पानी में पत्तियों को उबालकर उसे पी सकते हैं।
कैसे बढ़ाएं प्लेटलेट्स?
बकरी के दूध में बहुत औषधीण गुण होते हैं जो डेंगू बुखार में जल्दी ठीक करता है। गाय के दूध को पचने में 8 घंटे लगते हैं, जबकि बकरी का दूध मात्र 20 मिनट में पच जाता है। इसलिए उसका सेवन पाचन के लिए भी अच्छा होता है।