अब जमाना ऐसा है कि आप चाहकर भी सी-सेक्शन से बच नहीं पाते। कभी जटिल परिस्थितियां और कभी नई मां की इच्छा, कारण कोई भी हो सी-सेक्शन एक तरह से आम हो चुके हैं। ऐसे में कई सवालों का जवाब पता होना बेहद जरूरी है।
बच्चों की सीजेरियन विधि या सी-सेक्शन से पैदा होना मां के लिए कितना सेफ है? कितनी बार एक महिला सी-सेक्शन के माध्यम से बच्चे पैदा कर सकती है? आइए जवाब जानें।
क्यों अधिकतर बच्चों का जन्म सी-सेक्शन से होता है?
प्राकृतिक जन्म की तुलना में मां को सी-सेक्शन के तहत काफी कम दर्द झेलना होता है। महिलाएं, जिनका पहला बच्चा सीजेरियन हुआ है, 90 प्रतिशत तक दूसरे बच्चे के जन्म के लिए सी-सेक्शन ही चुनती हैं।
बिना खतरे के, कितने सी-सेक्शन झेल सकती हैं महिलाएं?
इसका कोई सुनिश्चित जवाब नहीं दिया जा सकता। डॉक्टरों का मानना है कि सी-सेक्शन के सेफ होने की संख्या हर एक महिला के लिए अलग होती है। किसी को पहली बार में ही भारी मुश्किल झेलनी पड़ सकती है वहीं कुछ महिलाएं आराम से 3 सी-सेक्शन तक झेल सकती हैं।
डॉक्टरों का मानना है कि हर एक सी-सेक्शन के बाद, महिला पर खतरा बढ जाता है। फिर भी एक या दो सी-सेक्शन ठीक हैं लेकिन तीसरे के बाद मुश्किल काफी बढ़ी है। फिर भी कोई एक संख्या नहीं बताई जा सकती है।
अधिक सी-सेक्शन के दुष्परिणाम
ज्यादा सी-सेक्शन किस तरह शरीर को नुकसान करते हैं ये जानना जरूरी है। हर बार जब सी-सेक्शन होता है तो पेट पर निशान छूटता है। सी-सेक्शन से पेट की त्वचा घनी हो जाती है क्योंकि नए टिश्यू बनते हैं। इस तरह उस जगह की स्किन फिर से एक बड़ा कट झेलने लायक नहीं बचती। इससे डॉक्टर बड़ी मुश्किल से इस प्रक्रिया को पूरा कर पाते हैं और खतरा भी बढ़ जाता है।
मूत्राशय में चोट की समस्या भी इस तरीक से हो सकती है। पहली या दूसरी बार के सी-सेक्शन से अमूमन इस तरह की समस्या नहीं होती लेकिन बार बार सी-सेक्शन कराने से यह मुश्किल आ सकती है। शरीर के अंदर जो कट लगता है उससे यूटेरस ब्लैडर से कनेक्ट हो सकता है और चोट लग सकती है।