भारत सहित दुनियाभर में कोविड के मामलों में गिरावट दर्ज की जा रही है। कोविड की तीसरी लहर काफी कमजोर रही और इससे लोगों ने काफी राहत की सांस ली। कोविड के मामलों में कमी को देखते हुए लगभग सभी प्रतिबंध हटा दिए गए है। नाइट कफ्र्यू भी अब नहीं रहा है। ऑनलाइन की बजाए ऑफलाइन पर ज्यादा जोर दिया गया है। वहीं अब स्कूल का नया सत्र भी ऑफलाइन ही शुरू होगा। हालांकि अब एक बार फिर से कोविड को लेकर चिंता जाहिर की है। जिसके बाद एकदम से चिंता की लकीरे बढ़ गई है।
ICMR
IIT कानपुर के वैज्ञानिक द्वारा यह दावा किया गया कि कोविड की चौथी लहर जून में आ सकती है। उठ रही आशंकाओं के बीच ICMR की ओर से जवाब आया कि फिलहाल इसे लेकर कुछ भी कहना मुश्किल होगा। हांलांकि इसे सीधे तौर पर नकारा भी नहीं जा सकता है।
कोविड के केस तो कम हो रहे हैं लेकिन मरने वालों की संख्या अभी भी 100 के पार ही है, जो अभी चिंता का विषय है। वैज्ञानिक गणितज्ञ मॉडल के तौर पर चौथी लहर फिर से आएंगी। हालांकि ICMR के मुताबिक पिछले दो वर्षों में कोविड के स्वरूप में जो बदलाव आए हैं, नए-नए वैरिएंट आए हैं उसे लेकर कुछ भी सटीक भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है।
ICMR के मुताबिक भारत में करीब 80 फीसदी लोग पूरी तरह से वैक्सीनेटेड हो चुके हैं। ऐसे में कोविड कोई नया वैरिएंट नहीं आता है तब तक किसी भी बड़ी लहर की संभावना नहीं दिखाई दे रही है।
ओमिक्रॉन का खतरा !
देखा जाए तो तीसरी लहर का प्रकोप बहुत अधिक नहीं था लेकिन ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट बीए.2 से तेजी से संक्रमण फैला था। उसे अन्य संक्रमण के मुकाबले अधिक संक्रामक बताया जा रहा था। लेकिन ICMR के मुताबिक अगर कोविड का नया वैरिएंट नहीं आता है तो संभावना कम है। लेकिन निश्चित नहीं किया जा सकता है।