गर्भावस्था जीवन का एक संवेदनशील पड़ाव होता है। इस समय शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, तो कुछ चीजें गर्भस्थ शिशु के लिए सही या गलत हो सकती हैं। यही कारण है कि इस समय खान-पान और अन्य चीजों को लेकर सतर्कता बरती जाती है और गर्भवती महिला को कुछ चीजों का सेवन न करने की सलाह दी जाती है। पपीता भी उन्हीं चीजों में एक है, लेकिन इसे लेकर विशेषज्ञों एवं लोगों की अलग-अलग राय है।
सामान्यत: पपीते को गर्भावस्था में खाना, गर्भस्थ शिशु के लिए हानिकारक माना जाता है। दरअसल पपीता गर्म प्रकृति का होता है। इसका प्रयोग पेट संबंधी रोगों या कब्ज होने पर पेट साफ करने के लिए भी किया जाता है। इसी के चलते यह माना जाता है, कि गर्म तासीर होने के कारण यह गर्भस्थ शिशु को नुकसान पहुंचा सकता है। यह भी माना जाता है, कि पपीते का नियमित सेवन करने से गर्भपात भी हो सकता है।
इस बारे में विशेषज्ञों का कहना है, गर्भावस्था में पपीता खाया जा सकता है, अगर वह पूरी तरह से पका हुआ हो और इसका प्रयोग कम मात्रा में किया जाए। पूरी तरह से पका हुआ पपीता विटामिन-सी और विटामिन-ई का स्त्रोत होता है और इसमें फाइबर के साथ ही फॉलिक एसिड भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो फायदेमंद है।
दूध शहद के साथ पपीते को मिक्स कर बनाया गया पेय, काफी पौष्टिक होता है, जो गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए बहुत स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है।
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कब है पपीता हानिकारक - पपीता अगर पूरी तरह से पका हुआ नहीं है, जरा भी कच्चा है, तो यह बहुत हानिकारक होता है। आधा पका हुआ पपीता बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं होता। एक शोध के अनुसार, कच्चे या आधे पके हुए पपीते में लेटेक्स की अधिकता होती है। यह लेटेक्स गर्भाशय के संकुचन के लिए जिम्मेदार हो सकता है। साथ ही पपीते के छिलके और बीज भी गर्भावस्था में बेहद हानिकारक हो सकते हैं।
इन सभी के बावजूद सामान्यत: पपीते को लेकर यह मान्यता है, कि गर्भावस्था में इसका सेवन पूर्ण रूप से हानिकारक होता है। इसका सेवन गर्भपात ही नहीं बल्कि मृत शिशु के जन्म के लिए भी जिम्मेदार हो सकता है। पपीता शरीर में गर्मी पैदा करता है, जो गर्भस्थ शिशु के लिए अनुकूल नहीं होता।
नोट : यह आलेख गर्भावस्था में पपीते के सेवन को लेकर अलग-अलग मतों पर आधारित है, लेकिन इस समय पपीते का सेवन करने से पूर्व अपने डॉक्टर से अवश्य संपर्क करें।