हमारे मन की मुख्यतः दो अवस्थाएं होती हैं : चेतन मन और अचेतन मन। हमारा अचेतन मन चेतन मन की अपेक्षा अधिक याद रखता है एवं सुझावों को ग्रहण करता है।
फिलहाल हम बात कर रहे हैं अपने व्यक्तित्व में सुधार के लिए हम क्या कर सकते हैं।
हम अपने आप को विभिन्न प्रकार के सुझाव दे सकते हैं।
रात्रि में अर्धजागृत अवस्था के दौरान वे सुझाव हम अपने आपको देकर आश्चर्यजनक परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।
मैं सब बातों में बेहतर होता जा रहा हूं/रही हूं।
मैं दिन-प्रतिदिन अपने कार्यों में कुशल होता जा रहा हूं/रही हूं।
मैं सदा स्वस्थ, प्रसन्नचित, उत्साहित रहता हूं/रहती हूं।
मैं अपनी सभी शुभ इच्छाएं पूर्ण करने में समर्थ हूं।
मेरा अपने क्रोध पर पूर्ण नियंत्रण है, मैं चर्चा के समय उत्तेजित नहीं होता हूँ/होती हूँ।
मेरी स्मरण शक्ति अच्छी होती जा रही है, मुझे नई बातें सीखने में आसानी होती है।
मेरी भाषण देने की योग्यता बढ़ती जा रही है।
मेरा व्यक्तित्व आकर्षक एवं प्रभावशाली है।
ऐसे विभिन्न प्रकार के सुझाव हम रात को सोने के पूर्व अपने आपको अनेक बार देकर कुछ ही दिनों में चमत्कारिक परिणाम पा सकते हैं।