कोरोना वारयस का प्रकोप अब धीरे -धीरे कम हो रहा है लेकिन कोरोना का लाॅन्ग टर्म इफेक्ट भारी पड़ रहा है। जी हां, शुरूआत में हार्ट और शुगर मरीजों के लिए खतरा साबित हो रहा था लेकिन लक्षण बदलने के साथ - साथ इसका प्रभाव रहने का समय भी बदलने लगा है। हालांकि परिस्थित यह बन गई है कि कोविड मरीज नहीं बल्कि पोस्ट कोविड मरीज अब बड़ी तादाद में अस्पताल पहुंच रहे हैं। अभी तक कोविड का असर, डायबिटीज, हार्ट, जैसी बीमारियों के साथ ही अन्य दूसरी बीमारी जैसे, फंगल इंफेक्शन, शुगर मरीजों की मौत होने के मामले सामने आ रहे थे। लेकिन अब एक और गंभीर बीमारी सामने आई है। जी हां आने वाले वक्त में कोविड से ठीक हुए मरीजों में सुनने की क्षमता पर प्रभाव पड़ रहा है।
शोध में हुआ खुलासा
ब्रिटेन में पोस्ट कोविड मरीजों पर एक अध्ययन किया गया। अध्ययन को इंटरनेशनल जर्नल आफ ऑडियोलॉजी द्वारा पब्लिश किया गया। कोरोना वायरस इंसानों के सुनने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है। वेल्स की रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन में 56 से अधिक मामलों पर रिसर्च किया गया। जिसमें पुष्टि की गई है। वेल्स की रिपोर्ट के मुताबिक यह वायरस इंसान को बहरा भी बना सकता है। अभी तक वायरस का प्रकोप फेफड़ों और दिल पर अधिक हो रहा था।
वेल्स के शोध के मुताबिक 121 मरीजों में 16 मरीजों ने बताा कि अस्पताल से छुट्टी होने के करीब 8 सप्ताह बाद यह समस्या आई। 7 लोगों ने टिनीटस की शिकायत बताई तो 8 मरीजों ने सुनने की क्षमता में गड़बड़ी बताई।
पहले से अधिक सतर्कता
कोरोना वायरस के लक्षणों में लगातार बदलाव हुए है। जिसे लेकर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन, और अन्य स्वास्थ्य संगठनों द्वारा लोगों को सतर्क किया गया। चक्कर आना, जी मिचलाना, घबराहट होना ये कोरोना के लक्षण नहीं है जिस पर डब्ल्यूएचओ मुहर लगा चुका है।
लेकिन चक्कर आने पर आपका पूरा दिमाग घूमता है। इसका असर कान पर भी पड़ सकता है। ऐसे में इस तरह के लक्षण दिखने पर सतर्क रहें और तुरंत डाॅक्टर से संपर्क करें। सही समय पर इसका इलाज संभावित है।