कोविड-19 के केस पहले के मुकाबले काफी कम हो गए है लेकिन कोविड की चपेट में आए लोगों में पोस्ट कोविड के लक्षण लगातार नजर आ रहे हैं। अभी तक शोध और एक्सपर्ट केमुताबिक स्टेरॉयड के अधिक इस्तेमाल से पोस्ट कोविड के लक्षण अधिक से अधिक सामने आ रहे थे। प्रमुख रूप से म्यूकरमाइकोसिस, ब्लैक फंगस, व्हाइट फंगस प्रमुख लक्षण रहे हैं। वहीं कोविड से ठीक हो रहे करीब 5 मरीजों में पोस्ट कोविड की नई बीमारी सामने आई है। जिसे गैंग्रीन कहा जाता है। कोविड से उबरने के बाद पित्तशय में यह बीमारी ट्रेस की गई। आइए जानते हैं क्या होता है इसमें -
गैंग्रीन बीमारी क्या होती है ?
गैंग्रीन बीमारी शरीर के टिशूज को नष्ट करत देता है। जिससे शरीर में घांव बनने लग जाते हैं और वह धीरे-धीरे फैलने लगते हैं। जब यह बीमारी होती है तो उल्टी, बुखार, पेट और दाहिने हिस्से में दर्द होने लगता है। जिन मरीजों को यह बीमारी हुई उन्होंने स्टेरॉयड का इस्तेमाल किया था।
- इस बीमारी के बारे में दो महीने के बाद पता चला। यह समस्या अधिक होने लगी तो अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन के जरिए इस बीमारी का पता लगा। गैंग्रीन मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं - सूखा गैंग्रीन, नम गैंग्रीन और गैस ग्रैंगीन। सूखा गैंग्रीन शरीर के बाहरी हिस्सों में विकसित होता है। वहीं नम गैंग्रीन शरीर के उन हिस्सों में विकसित होते हैं जहां के टिश्यूज नरम होते हैं। जैसे - मुंह और फेफड़ों में इसका दर्द बढ़ जाता है। गैस ग्रैंगीन मुख्य रूप से त्वचा के टिश्यूज में पैदा होते हैं। यह दूषित गैस का उत्सर्जन करते हैं। जिससे आसपास की त्वचा में संक्रमण फैल जाता है।
डायबिटीज के मरीजों को अधिक खतरा -
जी हां, कोविड-19 के दौर में जब से स्टेरॉयड की मंजूरी मिली है इसे बहुत सावधानी पूर्वक इस्तेमाल करने के लिए कहा गया है। कोविड से पीडि़त डायबिटीज के मरीजों को अपनी सेहत का बहुत अधिक ध्यान रखने की जरूरत होती है। सामने आई गैंग्रीन की बीमारी डायबिटीज के मरीजों के लिए खतरे से कम नहीं है। इससे 30 से 60 फीसदी तक मौत की संभावना बढ़ जाती है। यह बीमारी मुख्य तौर पर डायबिटीज, एचआईवी, वैस्कुलर, और लंबे वक्त तक भूखे रहने वाले लोगों में पाई जाती है।