त्वचा का संक्रमण होना आम बात है। चेहरे पर फुंसी होना, रूखी होना, स्किन निकलना और तमाम तरह की परेशानियां। लेकिन इसे बहुत अधिक गंभीरता से नहीं लिया जाता है। ना ही अंदाजा होता है कि इस तरह स्किन इंफेक्शन से कोई गंभीर समस्या भी हो सकती है। हाल ही में अलग-अलग शोध में यह खुलासा हुआ है कि त्वचा संक्रमण से आपको हृदय रोग भी हो सकता है। इसलिए इस तरह की समस्या को नजरअंदाज नहीं करें।
अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं की एक टीम ने एक अध्ययन में पाया कि त्वचा संक्रमण वातज्वर का एक महत्वपूर्ण कारक है। यह अध्ययन बीएमजे ग्लोबल हेल्थ जर्नलमें प्रकाशित हुआ है। तीव्र वातज्वर (Rheumatism) गंभीर हृदय रोग का एक महत्वपूर्ण कारण है। फिलहाल यह मुख्य तौर पर न्यूजीलैंड मूल के माओरी और प्रशांत क्षेत्र के बच्चों और युवाओं के लिए खतरनाक साबित हो रही है।
ओटागो विश्वविद्यालय, वेलिंगटन में सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के प्रोफेसर माइकल बेकर ने समझाया कि लंबे समय से माना जाता है कि वातज्वर समूह ए स्ट्रेप्टोकोकस (जीएएस) फेरींगिटिस की जटिलता है, जिसे आमतौर पर गला का संक्रमणनाम से जाना जाता है। लेकिन यह त्वचा संक्रमण का भी कारण हो सकता है। प्रोफेसर बेकर ने कहा, यह अध्ययन तीव्र वातज्वर के कारणों को समझने में मील का पत्थर है।
पहली बार अध्ययन में इस तरह की पुष्टि हुई है कि जीपीएस त्वचा संक्रमण के बाद वातज्वर का जोखिम भी बढ़ता है। ठीक वैसे ही जैसे गले में खराश के बाद होता है। अभी तक के शोध में पाया कि यह एक असामान्य बीमारी है। इसके बारे में पूरी तरह से, स्पष्ट रूप से कोई अध्ययन नहीं हुआ है। ना ही कोई सीमित डाटा उपलब्ध है।
डॉ, जूली बेनेट के मुताबिक अध्ययन दल अब इस पर निष्कर्षों पर शोध करेंगा। आगे कहा, कि गहन त्वचा संक्रमण उपचार परीक्षण की योजना भी बना रहे हैं ताकि यह पता चल सके कि बच्चों के गले में संक्रमण के दौरान दी जाने वाली एंटीबायोटिक दवा कितनी कारगर है और जोखिम को कितना कम कर सकती है। हो सकता है आने वाले वक्त में इसके लिए अलग से निर्धारित एंटीबायोटिक दवाओं की तुलना में अधिक प्रभावी तरीके खोजने की जरूरत है।