निमोनिया के क्या हैं शुरुआती लक्षण और इससे कैसे बचें
- मोनिका पाण्डेय
आपने देखा होगा की अक्सर बच्चों को निमोनिया हो जाता है और वो इससे काफी समय तक बीमार रहते हैं। बहुत सारे बच्चे ऐसे होते हैं जिनको बचपन में ही निमोनिया जैसी बीमारी हो जाती है और वो 5-7 वर्ष तक इस बीमारी से बहुत ज्यादा परेशान रहते हैं क्योंकि इसका असर 5 से 7 वर्ष तक बहुत अधिक रहता है।
निमोनिया फेफड़ों को प्रभावित करने वाली एक गंभीर बीमारी है। इससे पीड़ित होने पर फेफड़ों में पानी भर जाता है और उसमें सूजन आ जाती है। यह बीमारी एक या दोनों फेफड़ों में हो सकती है। निमोनिया के असली कारणों में बैक्टीरिया और वायरस का नाम सबसे पहले आता है। सही समय पर इस बीमारी का इलाज करना बहुत ज़रूरी होता है।
निमोनिया के शुरुआती लक्षण-
अन्य बीमारियों के तरह निमोनिया के भी कुछ खास लक्षण होते हैं। इन लक्षणों की मदद से यह आसानी से पता लगाया जा सकता है कि आपको निमोनिया है या नहीं। निमोनिया के कुछ लक्षण इस प्रकार हैं।
खांसी आना
कमजोरी होना
थका हुआ फील करना
सांस लेने में परेशानी
सीने में दर्द
सांस फूलना
ठंड लगना
बार-बार बुखार आना।
बचाव कैसे करें निमोनिया से-
निमोनिया से बचाव के लिए सबसे प्रभावी तरीका टीकाकरण करना है। न्यूमोकोकल वैक्सीन, पीसीवी 13, हेमोफिलस इन्फ्लूएंजा टाइप बी, यह वैक्सीन आपको बैक्टीरियल निमोनिया से बचा सकती हैं। टीकाकरण के अलावा आप निम्न बचाव के तरीके भी अपना सकते हैं।
हाथों को हैंड वॉश और साबुन से नियमित तौर पर धोएं।
खांसते और छींकते वक्त मुंह को ढंक लेना चाहिए।
सर्दी जुकाम वाले लोगों से दूर रहें।
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