क्या है होली और भगोरिया उत्सव से ताड़ी का कनेक्शन? क्या सच में ताड़ी पीने से होता है नशा?
जानिए ताड़ी पीने से होने वाले फायदे, नुकसान और इससे जुड़े मिथक
Tadi drink benefits and side effects : ताड़ी (Coconut Toddy) जिसे कुछ जगहों पर "नीरा" भी कहा जाता है, एक पारंपरिक नैचुरल ड्रिंक है जो ताड़ और नारियल के पेड़ों से प्राप्त किया जाता है। इसे सुबह के समय ताजे रूप में पिया जाए तो यह हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन जब इसे किण्वित (ferment) किया जाता है, तो यह शराब में बदल जाता है और नशे का कारण बनता है। होली और भगोरिया उत्सव जैसे त्योहारों में ताड़ी का विशेष महत्व होता है। यह न सिर्फ एक पारंपरिक पेय है बल्कि इसे सामूहिक रूप से पीना मेलों और ग्रामीण उत्सवों का हिस्सा बन चुका है। लेकिन क्या यह सच में सेहत के लिए अच्छा है या नुकसानदेह? आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं -
ताड़ी के फायदे (Coconut Toddy Benefits in Hindi)
1. पाचन में मददगार: ताजा ताड़ी प्रोबायोटिक्स से भरपूर होती है, जो पाचन तंत्र को मजबूत करती है और पेट से जुड़ी समस्याओं को कम करने में सहायक होती है।
2. ऊर्जा का प्राकृतिक स्रोत: इसमें नेचुरल शुगर और विटामिन होते हैं, जो शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करते हैं।
3. त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद: ताड़ी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और पोषक तत्व त्वचा को निखारने और बालों को मजबूत करने में मदद करते हैं।
4. डिहाइड्रेशन से बचाव: गर्मी के मौसम में यह शरीर को हाइड्रेट रखता है और इलेक्ट्रोलाइट्स को बनाए रखता है।
5. हड्डियों के लिए फायदेमंद: इसमें कैल्शियम, पोटैशियम और आयरन जैसे खनिज तत्व होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाते हैं।
ताड़ी के नुकसान (Toddy Side Effects in Hindi)
1. नशे का कारण बन सकती है: अगर ताड़ी को लंबे समय तक स्टोर किया जाए, तो यह अल्कोहल में बदल जाती है, जिससे नशे की आदत लग सकती है।
2. लिवर को नुकसान: नियमित रूप से किण्वित ताड़ी पीने से लिवर से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
3. ब्लड शुगर लेवल बढ़ा सकती है: मधुमेह रोगियों के लिए यह नुकसानदेह हो सकती है, क्योंकि इसमें प्राकृतिक शुगर की मात्रा अधिक होती है।
4. पेट की बीमारियां: यदि ताड़ी अशुद्ध या अधिक खट्टा हो जाए, तो यह पेट दर्द, गैस और डायरिया का कारण बन सकती है।
5. इन्फेक्शन का खतरा: अगर ताड़ी को सही तरीके से स्टोर न किया जाए, तो उसमें बैक्टीरिया विकसित हो सकते हैं, जिससे फूड पॉइजनिंग का खतरा रहता है।
भगोरिया उत्सव और ताड़ी का कनेक्शन
मध्य प्रदेश और राजस्थान के भील और आदिवासी समुदायों में भगोरिया उत्सव एक खास पर्व है, जिसे होली से 7 दिनों पहले मनाया जाता है। यह प्यार, मेल-जोल और मस्ती का त्योहार होता है, जिसमें पारंपरिक लोक नृत्य, संगीत और हाट बाजार लगते हैं।
भगोरिया मेले में ताड़ी पीने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है। यह लोगों को तरोताजा रखता है और उत्सव में आनंद बढ़ाता है। हालांकि, कई बार यह नशे का कारण भी बन जाता है, जिससे अनियंत्रित व्यवहार और विवाद की स्थिति पैदा हो सकती है।
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