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गर्दन पर टैटू बनवाना कितना खतरनाक है? बनवाने से पहले जान लें ये जरूरी बातें

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WD Feature Desk

, शुक्रवार, 25 जुलाई 2025 (15:39 IST)
gardan par tattoo: आज के समय में टैटू केवल एक फैशन ट्रेंड नहीं रहा, बल्कि यह खुद को एक्सप्रेस करने का एक स्टाइलिश तरीका बन चुका है। खासतौर पर यूथ के बीच गर्दन पर टैटू बनवाने का चलन बहुत तेजी से बढ़ा है, क्योंकि यह शरीर का एक ऐसा हिस्सा है जो बहुत जल्दी नज़र आता है और पर्सनैलिटी को एक अलग पहचान देता है। लेकिन गर्दन पर टैटू बनवाने से पहले सिर्फ इसकी डिजाइन पर ध्यान देना ही काफी नहीं है, बल्कि इससे जुड़ी सावधानियां, खतरे और स्किन से जुड़ी जानकारियों को समझना भी बेहद जरूरी है। अगर आपने बिना सही जानकारी के सिर्फ ट्रेंड के चलते गर्दन पर टैटू बनवा लिया, तो यह आपके लिए हेल्थ और स्किन दोनों के लिहाज से हानिकारक साबित हो सकता है।
 
गर्दन की स्किन होती है बेहद सेंसेटिव
गर्दन पर टैटू बनवाने से पहले ये समझना जरूरी है कि गर्दन की स्किन बॉडी के दूसरे हिस्सों की तुलना में बहुत नाजुक और पतली होती है। यहां नसें और नर्व सेल बहुत पास-पास होती हैं, इसलिए टैटू के दौरान की जाने वाली सुई की चुभन सामान्य से ज्यादा दर्दनाक हो सकती है। कई बार ज्यादा सेंसिटिव स्किन वाले लोगों को टैटू बनवाने के बाद स्किन इरिटेशन, रेडनेस, सूजन या खुजली जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
 
इन्फेक्शन का रहता है हाई रिस्क
गर्दन पर टैटू बनवाने का सबसे बड़ा खतरा स्किन इंफेक्शन से जुड़ा है। अगर टैटू बनवाते वक्त हाइजीन का खास ख्याल नहीं रखा गया या इस्तेमाल किए गए उपकरण पूरी तरह से स्टरलाइज़ नहीं थे, तो इंफेक्शन फैलने का खतरा बढ़ जाता है। टैटू बनवाने के बाद खुले घाव जैसी स्थिति कुछ दिनों तक बनी रहती है, जो बैक्टीरिया के लिए आसान एंट्री पॉइंट बन सकती है। ऐसे में त्वचा में पस, जलन और यहां तक कि बुखार जैसी स्थिति भी देखने को मिल सकती है।
 
एलर्जिक रिएक्शन की संभावना
कई बार टैटू इंक में मौजूद कैमिकल्स कुछ लोगों की स्किन के लिए एलर्जिक साबित होते हैं। खासकर गर्दन जैसी संवेदनशील जगह पर यह एलर्जी और भी ज्यादा परेशानी पैदा कर सकती है। ब्लैक, रेड और ग्रीन इंक में ऐसे एलर्जेन तत्व होते हैं जो स्किन पर रैशेज, खुजली, सूजन और पिग्मेंटेशन जैसी समस्याएं ला सकते हैं। इसलिए टैटू बनवाने से पहले स्किन टेस्ट कराना और इंक की क्वालिटी को जांचना बेहद जरूरी होता है।
 
दर्द सहने की लिमिट और रिकवरी टाइम
गर्दन पर टैटू बनवाना दर्द के मामले में कठिन माना जाता है क्योंकि यहां की स्किन पतली होती है और हड्डियां ज्यादा पास होती हैं। जिन लोगों की पेन टॉलरेंस लिमिट कम होती है, उनके लिए यह प्रक्रिया काफी असहज हो सकती है। इसके अलावा, रिकवरी टाइम भी सामान्य टैटू की तुलना में थोड़ा अधिक होता है क्योंकि गर्दन को बार-बार हिलाना, कपड़ों की रगड़ और पसीना संक्रमण को बढ़ा सकता है।
 
टैटू रिमूवल होता है बेहद मुश्किल
अगर आपने एक बार गर्दन पर टैटू बनवा लिया और बाद में पछतावा हुआ, तो उसे हटवाना आसान नहीं होता। टैटू रिमूवल की प्रक्रिया लंबी, दर्दनाक और काफी महंगी होती है। गर्दन पर रिमूवल के दौरान स्किन को ज्यादा नुकसान पहुंचने की आशंका रहती है और स्किन पर स्थायी दाग भी बन सकते हैं।
 
क्या करें टैटू बनवाने से पहले?
  • सर्टिफाइड आर्टिस्ट का चुनाव करें, किसी अनुभवहीन या सस्ते टैटू आर्टिस्ट के पास न जाएं। हाइजीन, टेक्नोलॉजी और सेफ्टी को प्रायोरिटी दें।
  • स्किन टेस्ट कराएं, टैटू इंक से एलर्जी है या नहीं, इसका टेस्ट पहले कर लें।
  • गर्दन की त्वचा को पहले से मॉइस्चराइज रखें, इससे टैटू बनवाने के बाद की जलन और सूजन कम होगी।
  • टैटू के डिजाइन और लोकेशन को लेकर पूरी तरह सोच-विचार करें, यह केवल फैशन नहीं, बल्कि आपके शरीर का हिस्सा बनने जा रहा है। 

अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। 
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