कोरोना की तीसरी लहर के बीच अब एक और बीमारी तेजी से बढ़ रही है। शुरूआत में डॉक्टर भी इस रहस्यमयी बीमारी को पहचान नहीं पा रहे थे। लेकिन अब उसे नाम दिया गया है स्क्रब टाइफस। उप्र में इस रहस्यमय बीमारी का खौफ लोगों में तेजी से बढ़ रहा है। इस बीमारी के कारण 2 दर्जन से अधिक लोगों ने दम तोड़ दिया है। स्क्रब टाइफस भी एक अलगप्रजाति के मच्छर है। यह मुख्य रूप से माइट्स नी छोटे कीट होते है। इसके काटने पर संक्रमित मरीज की मौत भी हो जाती है। वहीं यूपी के बाद अब इस बीमारी का खतरा मध्य प्रदेश में भी पहुंच गया है। अभी तक मप्र में 20 लोग स्क्रब टाइफस से संक्रमित हो चुके हैं। आइए जानते हैं क्या है स्क्रब टाइफस बीमारी -
सीडीसी यानी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार स्क्रब टाइफस ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी नामक बैक्टिरिया के कारण होता है। यह चिगर्स यानी लार्वा माइट्स के काटने से इंसानों में तेजी से फैलता है। यह मुख्य रूप से इंडोनेशिया, दक्षिण पूर्व एशिया, जापान, भारत और चीन में यह बीमारी मुख्य रूप से पाई जाती हे।
स्क्रब टाइफस के लक्षण
- इस बीमारी के लक्षण 10 दिनों के भीतर नजर आते हैं।
- सिरदर्द, ठंड लगना, बुखार आना, मांसपेशियों में दर्द।
- त्वचा का रंग गहरा होना।
- त्वचा पर पपड़ी पड़ जाना ।
स्क्रब टाइफस से बचने के उपाय
- इसका कोई टीका उपलब्ध नहीं है। मरीज के संपर्क में आने से बचें।
- जंगलों और झाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें।
- किसी कीड़े के काटने पर उसे तुरंत धो लें और एंटीबायोटिक दवा लगाएं।
स्क्रब टाइफस का इलाज
- इसके इलाज के लिए अलग - अलग प्रकार की जांच की जाती है।
- एंटीबायोटिक दवा दी जाती है।
- उम्र और गंभीरता के हिसाब से दवा का डोज दिया जाता है।