यूक्रेन में भारतीय छात्र की इस्कीमिक स्ट्रोक से मौत हो गई है। वह यूक्रेन में रहकर अपनी पढ़ाई कर रहे थे। वे भी एक मेडिकल के छात्र थे। उनकी उम्र मात्र 22 वर्ष थी। दरअसल, जब हमारे शरीर के किसी भी मस्तिष्क में रक्त स्त्राव बंद हो जाता है तो उस स्थिति को स्ट्रोक कहा जाता है। इस स्थिति में जब रक्त मिलना बंद हो जाता है तो वह मरने लगती है। आमतौर पर हमारे मस्तिष्क की दो मुख्य धमनियां जिसके माध्यम से रक्त प्राप्त होता है, जो पूरे मस्तिष्क के ऊतकों में फैली हुई होती है और मस्तिष्क की कोशिकाओं को रक्त के माध्यम से ग्लूकोज, ऑक्सीजन और पोषक तत्व प्रदान करती है।
इस स्ट्रोक में जिसमें मस्तिष्क की एक धमनी संकीर्ण हो जाती है या पूरी तरह से अवरूद्ध हो जाती है जिस वजह से मस्तिष्क में सामान्य रक्त प्रवाह बंद हो जाता है। बताया जाता है यह अवरोध थ्रांबस के रक्त के कारण भी हो सकता है, जो मस्तिष्क की एक धमनी में बन सकता है।
रक्त के प्रवाह में कमी आती है। वो धमनी मस्तिष्क के जिन ऊतकों को रक्त पहुंचाती है वे मरने लगती है या इस्कीमिक बन जाती है। इस प्रकार यह अवरुद्ध ऐमरोस के कारण हो सकता है यानी रक्त का ऐसा थक्का जो हमारे शरीर के अन्य हिस्सों में बन जाता है और रक्त में घूमते हुए मस्तिष्क में पहुंचता है। ये रक्त का थक्का मस्तिष्क के किसी संकीर्ण धमनी में आ कर थम जाता है जिस वजह से आगे का रक्त का प्रवाह भी अटक जाता है।
इस्कीमिक स्ट्रोक के लक्षण - कन्फ्यूजन की स्थिति, बोलने में कठिनाई होना, चलने में परेशानी होना, बहुत अधिक सिरदर्द होना, बॉडी के एक साइड के हिस्से में नंबनेस महसूस होना।
स्ट्रोक का उपचार - अगर समय पर इसका उपचार मिल जाता है तो मौत के जोखिम को टाला जा सकता है।
- इसे गलाने के लिए दवा दी जा सकती है।
- सर्जरी की जा सकती है।