एड्स(AIDS)बीमारी आज भी चिंता का विषय है। इस बीमारी से अब तक करोड़ों लोगों की जान जा चुकी हैं। इस बीमारी के लिए लगातार शोध जारी है। हर साल 1 दिसंबर को मनाए जाने वाले एड्स दिवस का उद्देश्य है अधिक से अधिक लोगों को इसके प्रति जागरूक करना और एड्स की चपेट में आने से बचना। एड्स दिवस पर आपको बता रहे हैं 10 चिंताजनक तथ्य
1.विश्व एड्स दिवस पर एक सर्वे जारी किया गया जिसमें चौकाने वाला खुलासा हुआ। 57 फीसदी भारतीय सेक्स के दौरान किसी प्रकार के गर्भनिरोधक चीजों का इस्तेमाल नहीं करते हैं।
2. जारी किए गए सर्वे में संबंध बनाने के दौरान अहमदाबाद में सबसे कम गर्भनिरोधक चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं दिल्ली में सबसे अधिक गर्भनिरोधक का इस्तेमाल किया जाता है।
3.PeeSafe ने कहा कि सर्वेक्षण को 200 से अधिक शहरों से 25,000 से अधिक प्रतिक्रियाएं मिलीं। सर्वे में लगभग 70 प्रतिशत 19 से 29 आयु वर्ग के थे, जबकि 25.8 प्रतिशत 30-49 वर्ष आयु वर्ग के थे, और 1.8 प्रतिशत 50 से 60 वर्ष के बीच के थे।
4.संयुक्त राष्ट्र एजेंसी यूएनएड्स ने एक रिपोर्ट जारी की जिसमें कहा गया है कि नए एचआईवी संक्रमण महामारी को रोकने के लिए वैश्विक स्तर पर इतनी तेजी से नहीं गिर रहे हैं, 2020 में 1.5 मिलियन नए एचआईवी से संक्रमित हुए है।
5.UNAIDS द्वारा एक 2025 तक के लिए एक लक्ष्य तय किया गया है। अधिक से अधिक और जल्द से जल्द 95 फीसदी तक एचआईवी सेवाओं को लोगों तक पहुंचाना होगा। वहीं एचआईवी संक्रमण दर को घटाकर 3,70,000 से कम करना होगा। और 2025 तक एड्स से संबंधित हो रही मौत का आंकड़ा 2,50,000 से कम करना होगा।
6. UNAIDS द्वारा चेतावनी दी गई है कि अगर सही वक्त में दवाओं और उपचार की उपलब्धता में असमानताओं से नहीं निपटते हैं तो अगले 10 वर्षों में दुनिया को 7.7 मिलियन एड्स से संबंधित मौतों का सामना करना पड़ सकता है।
7. अगर अंतरराष्ट्रीय राजनीति बनाई जाती है और 2025 के लक्ष्यों को पूरा किया जाता है, तो UNAIDS के मुताबिक ने 10 साल के दौरान लगभग 4.6 मिलियन लोगों की जान बचाई जा सकती है।
8.विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक हर पांच व्यक्ति में एक व्यक्ति एचआईवी पॉजिटिव को नहीं पता होता है कि वह संक्रमित है।
9.एड्स के लक्षण फ्लू जैसे ही होते हैं - बुखार, सिरदर्द, थकान, जुकाम हो सकते हैं। इस स्टेज को एक्यूट रेट्रोवायरल सिंड्रोम कहते हैं। हालांकि सामान्य फ्लू के लक्षणों से अलग करना मुश्किल होता है। अनजाने में पति/पत्नी एक दूसरे को संक्रमित कर सकते हैं।
10. जैसे-जैसे HIV संक्रमण फैलता है यह AIDS में तब्दील होने लगता है। इसके बाद मरीज को भूख नहीं लगना, उल्टी होना, वजन कम होना, निमोनिया, फंगल इंफेक्शन होना। रोग प्रतिरोधक क्षमता भी धीरे-धीरे कम होने लगती है। मरीज को कैंसर की संभावना भी बढ़ जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2030 तक विश्व को HIV से मुक्त करने का संकल्प लिया है।