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कहीं कम प्यास लगने के पीछे हाई कोर्टिसोल तो नहीं है वजह? जानिए हाई कोर्टिसोल और कम प्यास का क्या है कनेक्शन

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WD Feature Desk

, गुरुवार, 1 मई 2025 (17:44 IST)
cortisol hormone function in hindi: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अक्सर अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देते हैं। कई बार छोटी-मोटी लगने वाली समस्याएं भी गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकती हैं। ऐसी ही एक समस्या है कम प्यास लगना। आमतौर पर हम मानते हैं कि पर्याप्त पानी पीना सेहत के लिए जरूरी है, लेकिन अगर आपको प्यास ही न लगे तो क्या? क्या इसके पीछे कोई गंभीर कारण हो सकता है? कुछ लोगों का मानना है कि कहीं कम प्यास लगने के पीछे हाई कोर्टिसोल का स्तर तो वजह नहीं है। आइए जानते हैं कि हाई कोर्टिसोल और कम प्यास का क्या कनेक्शन है।

क्या है कोर्टिसोल?
कोर्टिसोल हमारे शरीर में एड्रेनल ग्रंथियों द्वारा उत्पादित एक महत्वपूर्ण हार्मोन है। इसे अक्सर "तनाव हार्मोन" के रूप में जाना जाता है क्योंकि तनावपूर्ण स्थितियों में इसका स्तर बढ़ जाता है। कोर्टिसोल शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यों में भूमिका निभाता है, जैसे कि रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करना, चयापचय को बढ़ावा देना, सूजन को कम करना और प्रतिरक्षा प्रणाली को नियंत्रित करना।

हाई कोर्टिसोल क्या होता है?
जब शरीर में कोर्टिसोल का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है, तो इस स्थिति को हाई कोर्टिसोल या हाइपरकोर्टिसोलिज्म कहा जाता है। इसके कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
• तनाव: लंबे समय तक रहने वाला शारीरिक या मानसिक तनाव कोर्टिसोल के स्तर को बढ़ा सकता है।
• कुशिंग सिंड्रोम: यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर बहुत अधिक कोर्टिसोल का उत्पादन करता है।
• कुछ दवाएं: कुछ स्टेरॉयड दवाएं कोर्टिसोल के स्तर को बढ़ा सकती हैं।
• एड्रेनल ग्रंथि में ट्यूमर: एड्रेनल ग्रंथि में ट्यूमर होने पर अतिरिक्त कोर्टिसोल का उत्पादन हो सकता है।

 
हाई कोर्टिसोल के सामान्य लक्षण:
हाई कोर्टिसोल के कई लक्षण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
• वजन बढ़ना, खासकर पेट और चेहरे के आसपास।
• थकान और कमजोरी महसूस होना।
• मांसपेशियों में कमजोरी।
• उच्च रक्तचाप।
• त्वचा पर खिंचाव के निशान (स्ट्रेच मार्क्स)।
• मुहांसे।
• चिड़चिड़ापन और मूड में बदलाव।
• महिलाओं में अनियमित मासिक धर्म।

हाई कोर्टिसोल और कम प्यास: क्या है कनेक्शन?
अब सवाल यह है कि क्या हाई कोर्टिसोल का स्तर कम प्यास लगने का कारण बन सकता है? इस विषय पर सीधे तौर पर बहुत अधिक वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं है जो इन दोनों के बीच एक सीधा और मजबूत संबंध स्थापित करे। हालांकि, कुछ अप्रत्यक्ष कारण हो सकते हैं जिनकी वजह से हाई कोर्टिसोल का स्तर प्यास की भावना को प्रभावित कर सकता है:

• शरीर में इलेक्ट्रोलाइट का असंतुलन: हाई कोर्टिसोल शरीर में सोडियम और पोटेशियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स के संतुलन को बिगाड़ सकता है। इलेक्ट्रोलाइट्स शरीर में तरल पदार्थों के संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और इनका असंतुलन प्यास की भावना को प्रभावित कर सकता है।
• अन्य संबंधित लक्षण: हाई कोर्टिसोल के कुछ अन्य लक्षण, जैसे कि थकान और सुस्ती, व्यक्ति को पानी पीने की याद दिलाने वाली स्वाभाविक इच्छा को कम कर सकते हैं।
• हार्मोनल इंटरैक्शन: शरीर में कई हार्मोन एक-दूसरे के साथ जटिल तरीके से बातचीत करते हैं। हाई कोर्टिसोल अन्य हार्मोन के स्तर को प्रभावित कर सकता है, जो बदले में प्यास की भावना को नियंत्रित करने वाले तंत्र को प्रभावित कर सकते हैं। हालांकि, यह एक जटिल प्रक्रिया है और इस पर और अधिक शोध की आवश्यकता है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कम प्यास लगने के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
• उम्र: बड़े वयस्कों में प्यास की भावना कम हो सकती है।
• कुछ चिकित्सा स्थितियां: कुछ बीमारियां और दवाएं प्यास की भावना को कम कर सकती हैं।
• मानसिक कारण: तनाव या अवसाद भी प्यास की भावना को प्रभावित कर सकता है।
• आदत: कुछ लोगों को पर्याप्त पानी पीने की आदत नहीं होती है, जिसके कारण उन्हें प्यास कम लगती है।
हालांकि हाई कोर्टिसोल और कम प्यास के बीच एक सीधा और स्पष्ट संबंध स्थापित करने के लिए पर्याप्त वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं हैं, लेकिन हाई कोर्टिसोल के कारण होने वाले इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन या अन्य अप्रत्यक्ष प्रभावों के माध्यम से प्यास की भावना प्रभावित हो सकती है।

अगर आपको लगातार कम प्यास लगती है और आप हाई कोर्टिसोल के अन्य लक्षणों का भी अनुभव कर रहे हैं, तो यह महत्वपूर्ण है कि आप डॉक्टर से सलाह लें। डॉक्टर आपकी स्थिति का सही निदान कर सकते हैं और उचित उपचार बता सकते हैं। अपनी सेहत का ध्यान रखें और किसी भी असामान्य लक्षण को नजरअंदाज न करें।

अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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