माइग्रेन एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जिससे दुनिया में 100 करोड़ लोग पीड़ित हैं। यह जानकारी माइग्रेन रिसर्च फाउंडेशन की तरफ से आई है।
इसमें अक्सर सिर दर्द होता है। माइग्रेन के 90 फीसदी मरीजों में यह बीमारी अनुवांशिक होती है। जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (JAMA) में प्रकाशित एक रिसर्च स्टडी के मुताबिक, बिना दवाओं के भी इसका इलाज संभव है।
माइग्रेन अक्सर 18 से 44 वर्ष की उम्र के बीच होता है। आधे से ज्यादा मरीजों को 12 साल की उम्र के पहले माइग्रेन का पहला अटैक आता है। 100 करोड़ मरीजों में से 85 फीसदी मरीज महिलाएं हैं। हर दिन करीब 40 फीसदी यानी 40 लाख लोगों को माइग्रेन रहता है।
लेकिन अब JAMA में प्रकाशित रिसर्च से सामने आया है कि माइंडफुल मेडिटेशन और योगा करने से माइग्रेन कम हो सकता है।
रिसर्च स्टडी के दौरान माइग्रेन के मरीजों को दो समूह में बांटा गया। पहले ग्रुप को माइंडफुलनेस प्रैक्टिस कराई गई। मेडिटेशन, हठ योग और सांस लेने का पैटर्न इसका हिस्सा रहा। वहीं दूसरे ग्रुप को सिर दर्द और माइग्रेन के हरेक पहलू के बारे में बताया गया। उनके बीच डिस्कशन कराए गए। करीब 8 हफ्ते तक ऐसी प्रैक्टिस जारी रखी गई।
सामने आया कि माइंडफुलनेस आधारित इलाज माइग्रेन के हमले को कम करने में कारगर है। पहले ग्रुप यानी लगातार मेडिटेशन और योग करने वाले लोगों में माइग्रेन तो कम हुआ ही, उनका डिप्रेशन और चिंता भी दूर हुई। जबकि दूसरे में सुधार नहीं हुआ।
ताजी हवा में टहलना, अपनी सांसों को महसूस करते हुए प्राणायाम करना, मेडिटेशन करना, स्ट्रेचिंग और हठ योग करना। ये प्रैक्टिस हैं, जो माइग्रेन में आराम देती है। इन्हें योग प्रशिक्षक या एक्सपर्ट्स के मार्गदर्शन में ही किया जाना चाहिए।