क्या आपको भी है मोबाइल से जुड़ी ये आदत? क्या ये है बीमारी आइये जानते हैं?
क्यूँ कभी कभी भ्रम होता है कि आ रहा है फोन, मगर ऐसा होता नहीं है!
कई बार हमें ऐसा लगता है कि हमारे मोबाइल पर फोन आ रहा है या कोई मैसेज आ रहा है, लेकिन ऐसा होता नहीं है। इस वजह से कई लोग बार-बार अपना मोबाइल चैक करते रहते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये एक बीमारी हो सकती है। आज के समय में मोबाइल फोन हमारे जीवन की ज़रुरत बन गया है। हमारे जीवन के तमाम छोटे-बड़े कामों के लिए हम मोबाइल पर निर्भर करते हैं और इसीलिए मोबाइल हमारे जीवन से कुछ इस तरह जुड़ गया है कि उससे दूर होना हमारे लिए बहुत मुश्किल है। हमें हर वक्त मोबाइल की जरुरत महसूस होती है।
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मोबाइल हमारी जिंदगी का बहुत जरुरी हिस्सा बन गया है। ऐसे में कई बार तो हमें इस बात का एहसास होने लगता है कि हमारा मोबाइल बज रहा है, लेकिन ऐसा होता नहीं है। कई बार हमें इस बात का भी एहसास होता रहता है कि हमारी मोबाइल में कोई मैसेज आया है, लेकिन जब हम मोबाइल चैक करते हैं तब उसमें कोई मैसेज नहीं होता।
क्या है फैंटम वाइब्रेशन सिंड्रोम:
दरअसल बार-बार हमें मोबाइल की रिंग या मैसेज का अनुभव होना एक तरह की बीमारी भी हो सकती है। मेडिकल साइंस में इसे फैंटम वाइब्रेशन सिंड्रोम कहा जाता है। इस सिंड्रोम की वजह आज के समय में अत्यधिक मोबाइल की लत का होना है।
ऐसे में कई बार हमें इस बात का आभास होने लगता है कि हमारा मोबाइल रिंग कर रहा है, कई बार ये स्थिति बहुत ज्यादा हो जाती है। कुछ स्टडीज में ये पाया गया है कि कुछ की लोग हर दो सप्ताह में फैंटम वाइब्रेशन सिंड्रोम का अनुभव करते हैं। जो आपके दिमाग के लिए काफी खराब स्थिति हो सकती है।
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