कैनेडियन मेडिकल एसोसिएशन जर्नल में प्रकाशित रिसर्च से बड़ा खुलासा हुआ है। शोधकर्ताओं का कहना है कि प्रदूषित क्षेत्रों में भी पाबंदी से व्यायाम मौत के खतरे को कम कर सकता है।
दरअसल, दूषित हवा वाले क्षेत्रों में भी नियमित व्यायाम करने पर मौत की संभावना को प्राकृतिक वजहों से कम कर सकता है। शोधकर्ता प्राकृतिक कारणों से मौत के खतरे पर लंबे समय तक सूक्ष्म कण पदार्थ का संपर्क और नियमित व्यायाम के प्रभावों को समझना चाहते थे।
उन्होंने खोजा कि वायु प्रदूषण का कम संपर्क और आदतन व्यायाम प्राकृतिक वजहों से मौत के कम खतरे से जुड़ा था। रिसर्च में ताइवान के 384,130 वयस्कों को शामिल किया गया और उनका 2001 से 2016 तक आंकलन किया गया। शोधकर्ताओं के मुताबिक, आदतन व्यायाम की कमी और वायु प्रदूषण के ज्यादा संपर्क का संबंध मौत के ज्यादा खतरे से जुड़ा हुआ पाया गया।
चीनी यूनिवर्सिटी ऑफ हॉन्ग कॉन्ग के शोधकर्ता जियांग लाउ ने कहा, "आदतन व्यायाम वायु प्रदूषण के संपर्क के बावजूद मौत के खतरे को कम करता है, और वायु प्रदूषण आम तौर से आदतन व्यायाम के बावजूद मौत के जोखिम को बढ़ाता है"
उन्होंने स्वास्थ्य सुधार रणनीति के तहत आदतन व्यायाम को बढ़ावा देने की वकालत की यहां तक कि प्रदूषित इलाकों में रहने वालों के लिए भी। रिसर्च में अमेरिका, डेनमार्क और हॉन्ग कॉन्ग में किए गए छोटे पैमाने पर दूसरे शोध को शामिल किया गया जिसमें पता चला कि नियमित व्यायाम, यहां तक कि प्रदूषित इलाकों में, फायदेमंद है। शोधकर्ताओं ने कहा, "रिसर्च वायु प्रदूषण में कमी के महत्व की पुष्टि करता है, जैसे वायु प्रदूषण के नुकसानदेह प्रभाव को कम करना और नियमित व्यायाम के मुफीद प्रभावों को ज्यादा करना"
उनका सुझाव है कि वायु प्रदूषण और शारीरिक व्यायाम के बीच लोगों को चुनने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। शारीरिक गतिविधि की कमी और वायु प्रदूषण दोनों किसी की सेहत के लिए नुकसानदेह हैं। रिसर्च को कैनेडियन मेडिकल एसोसिएशन जर्नल में प्रकाशित किया गया है।