एक लंबे अरसे बाद फिर से स्कूल खुलने जा रहे हैं। भारत में बड़े बच्चों के स्कूल खुल चुके हैं। वहीं अब छोटे बच्चों के स्कूल भी खुल रहे हैं। हालांकि करीब डेढ़ साल बाद स्कूल खुलेंगे। लंबे वक्त से अपने पेरेंट्स के साथ रह रहे बच्चों के लिए यह बहुत अटपटा समय होगा। साथ ही बेचैनी भी होगी। और कही न कही पेरेंट्स के लिए भी चिंता का विषय है। इस बीच यूनिसेफ का कहना है कि जिस तरह से बच्चों को अनलॉक के लिए तैयार किया था, उसी तरह अब उन्हें धीरे- धीरे स्कूल जाने के लिए तैयार करें। उन्हेू धीरे - धीरे यह बताएं की कुछ वक्त के लिए उन्हें पैरेंट्स से दूर जाना है। ताकि वह मानसिक तौर पर तैयार हो सकें।
यूनिसेफ ने पेरेंट्स को दिए टिप्स -
बच्चों को स्कूल भेजने के लिए पेरेंट्स को भी तैयार होने की जरूरत है। बच्चों को स्कूल छोड़ते वक्त कहें मैं वापस आउंगा। तय समय पर ही बच्चों को वापस लेने पहुंचे। लेकिन ध्यान रहे उन्हें समय से लेने जरूर पहुंच जाएं। यूनिसेफ की रिपोर्ट के मुताबिक नौकरीपेशा लोगों को तय समय से बच्चों को लेने और छोड़ने जाएं। इससे वह जल्दी रूटीन में आएगा।
-लंबे वक्त से घर पर रहने के कारण बच्चे अपने पेरेंट्स के आदि हो गए है, इसलिए शुरूआत में जरूर समस्या होगी। बच्चे रोएंगे और चीखेंगे भी लेकिन 3 साल तक के बच्चों के लिए यह विकास की सामान्य प्रक्रिया होती है। इसलिए इस दौरान डरे नहीं और तालमेल बैठाने की कोशिश करें।
- बच्चों को स्कूल छोड़ने से पहले उनकी मदद करें। उनकी बातों को सुनें। उनकी समस्या को दूर करने की कोशिश करें। यह अलगाव को कम करने में मदद करेगा।
- जब बच्चा स्कूल के लिए तैयार हो रहा है उनकी मदद करें। उन्हें नए नियमों के बारे में बताएं। उन्हें समझाएं की स्कूल में कोई भी परेशानी हो तो टीचर से कहें। स्कूल के बार में पूछें, वहां क्या करते हैं, होमवर्क पूरा किया या नहीं। यह सभी सामान्य सी लगने वाली बातें बच्चे को स्कूल भेजने में मदद करेगी।
- बच्चों को स्कूल भेजने के दौरान सकारात्मक प्रभाव से बाय कहें।
- बच्चों को याद दिलाते रहे वह घर से कुछ वक्त के लिए दूर जा रहे हैं।
- बच्चों को समय स्कूल लेने पहुंचे।
- बच्चों को स्कूल लेने और छोड़ने का समय एक जैसा रखें।