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कच्चा या बॉयल्ड बीटरूट, आपकी सेहत के लिए कौन सा है ज्यादा सेहतमंद?

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हमें फॉलो करें Raw vs Boiled Beetroot

WD Feature Desk

, बुधवार, 21 मई 2025 (14:58 IST)
Raw vs Boiled Beetroot: हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने की चाहत रखने वालों के लिए चुकंदर (Beetroot) एक बेहद खास सुपरफूड बन चुका है। चाहे सलाद में हो, जूस में हो या सूप में, इसका गहरा लाल रंग और भरपूर पोषक तत्व इसे बाकी सब्जियों से अलग बनाते हैं। लेकिन अक्सर यह सवाल लोगों के मन में आता है कि कच्चा चुकंदर ज्यादा फायदेमंद है या उबला हुआ? क्या पकाने से इसके पोषक तत्व कम हो जाते हैं? या फिर उबालने से यह पचने में आसान हो जाता है? इस लेख में हम इसी बहस का विस्तार से विश्लेषण करेंगे, ताकि आप अपनी डाइट में चुकंदर को सही रूप में शामिल कर सकें।
 
चुकंदर की पौष्टिकता: क्या है इसमें खास?
चुकंदर में विटामिन C, आयरन, फोलेट, फाइबर, मैग्नीशियम, पोटेशियम और एंटीऑक्सिडेंट्स जैसे तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसके अलावा इसमें बीटालाइन (Betalains) नामक पिगमेंट होता है, जो शरीर को डिटॉक्स करने और सूजन को कम करने में मदद करता है। चुकंदर का नियमित सेवन ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने, हृदय को स्वस्थ रखने और एथलेटिक परफॉर्मेंस बढ़ाने में सहायक माना जाता है।
 
कच्चा चुकंदर
कच्चे चुकंदर को सीधे सलाद में, स्मूदी में या जूस के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। जब चुकंदर को बिना पकाए खाया जाता है, तो उसमें मौजूद सभी विटामिन्स और फाइटोन्यूट्रिएंट्स अपने प्राकृतिक और पूर्ण रूप में रहते हैं। खासकर, विटामिन C और बीटालाइन जैसे संवेदनशील तत्व उबालने पर नष्ट हो सकते हैं, लेकिन कच्चे रूप में ये पूरी तरह बरकरार रहते हैं।
 
कच्चे चुकंदर के फायदे:
  • ज्यादा एंटीऑक्सिडेंट्स: चुकंदर को पकाने से उसके एंटीऑक्सिडेंट्स की मात्रा घट सकती है, जबकि कच्चे रूप में ये पूरी तरह से उपलब्ध रहते हैं।
  • फाइबर की मात्रा बरकरार: कच्चा चुकंदर फाइबर में भी अधिक होता है, जो पाचन में सहायक होता है और कब्ज से राहत दिलाता है।
  • कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स: कच्चे चुकंदर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे यह ब्लड शुगर पर धीमा असर डालता है।
  • स्किन और बालों के लिए बेहतर: कच्चे चुकंदर में मौजूद आयरन और विटामिन्स त्वचा की चमक बढ़ाने और बालों को पोषण देने में मदद करते हैं।
उबला हुआ चुकंदर:
कई लोगों के लिए चुकंदर को सीधे कच्चे रूप में खाना मुश्किल होता है, खासकर जिनका डाइजेशन कमजोर है। ऐसे में उबला हुआ चुकंदर एक अच्छा विकल्प बनता है। जब चुकंदर को उबाला जाता है, तो यह थोड़ा नरम और मीठा हो जाता है, जिससे इसका स्वाद और बनावट दोनों ही ज्यादा सुखद हो जाते हैं।
 
उबले चुकंदर के फायदे:
  • डाइजेस्ट करने में आसान: उबला चुकंदर पेट के लिए हल्का होता है और उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिन्हें गैस, ऐसिडिटी या पेट की समस्या होती है।
  • शिशुओं और बुजुर्गों के लिए बेहतर: छोटे बच्चों और वृद्धों के लिए उबला हुआ चुकंदर एक सेफ विकल्प है।
  • खून की कमी में लाभकारी: उबला हुआ चुकंदर भी आयरन से भरपूर होता है, जिससे यह एनीमिया जैसी समस्याओं में लाभकारी है।
क्या खाएं, कच्चा या उबला चुकंदर?
अब सवाल यह उठता है कि कौन-सा चुकंदर ज्यादा हेल्दी है? इसका जवाब है यह पूरी तरह आपकी जरूरत और सहनशीलता पर निर्भर करता है। यदि आपका डाइजेशन मजबूत है और आप चुकंदर का असली स्वाद पसंद करते हैं, तो कच्चा चुकंदर आपकी सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद है। लेकिन यदि आपको पाचन संबंधी समस्याएं हैं या आप स्वाद के मामले में ज्यादा संकोची हैं, तो उबला चुकंदर एक हेल्दी और सेफ विकल्प है। आप चाहें तो दोनों को अपने डाइट में शामिल कर सकते हैं, कभी कच्चा सलाद के रूप में, कभी उबला हुआ रायते या चाट में। इससे आपको पोषण भी मिलेगा और स्वाद का भी आनंद रहेगा। 


अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। 

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