Long-term soybean oil use: सोयाबीन तेल को अक्सर हेल्दी विकल्प के रूप में देखा जाता है, खासकर डीप फ्राइंग के लिए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि लंबे समय तक इसका उपयोग आपकी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है? सोयाबीन तेल में मौजूद तत्व हमारे दिल, लिवर और हॉर्मोनल बैलेंस पर बुरा असर डाल सकते हैं। आइए जानते हैं डॉक्टरों की राय और इसके 3 प्रमुख दुष्प्रभाव।
सोयाबीन तेल का अधिक उपयोग क्यों है हानिकारक?
सोयाबीन तेल का अत्यधिक उपयोग मुख्य रूप से इसमें मौजूद ओमेगा-6 फैटी एसिड की उच्च मात्रा के कारण नुकसानदायक हो सकता है। यह तेल ऑक्सीडेशन का कारण बनता है, जो शरीर में सूजन और अन्य गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है।
1. दिल की बीमारियों का खतरा
सोयाबीन तेल में ओमेगा-6 फैटी एसिड की अधिकता होती है, जो दिल की धमनियों में सूजन पैदा कर सकती है। लंबे समय तक इसका सेवन कोलेस्ट्रॉल स्तर को असंतुलित कर देता है, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
2. लिवर को नुकसान
लंबे समय तक सोयाबीन तेल के उपयोग से लिवर फैटी लिवर डिजीज का शिकार हो सकता है। यह तेल शरीर में ट्रांस फैट्स बढ़ाता है, जो लिवर के कार्य पर नकारात्मक असर डालते हैं।
3. हॉर्मोनल असंतुलन
सोयाबीन तेल में फाइटोएस्ट्रोजेन नामक तत्व पाया जाता है, जो शरीर के हॉर्मोनल संतुलन को प्रभावित कर सकता है। इससे पुरुषों और महिलाओं में प्रजनन क्षमता पर असर पड़ सकता है।
सेहतमंद विकल्प: क्या करें?
जैतून का तेल: इसमें मोनोसैचुरेटेड फैटी एसिड होता है, जो दिल के लिए फायदेमंद है।
सरसों का तेल: पारंपरिक भारतीय खाना पकाने के लिए बेहतर विकल्प।
घी: सीमित मात्रा में घी का उपयोग सेहत के लिए फायदेमंद है।
सोयाबीन तेल का उपयोग सीमित मात्रा में करें और इसे अन्य हेल्दी तेलों से बदलने पर विचार करें। अगर आपको किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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