Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

न सीमाएं न दूरियां : कुंवर नारायण द्वारा विश्व कविता से

हमें फॉलो करें न सीमाएं न दूरियां : कुंवर नारायण द्वारा विश्व कविता से
कुंवर नारायण इस समय भारत ही नहीं विश्व के श्रेष्ठ कवियों में से हैं। विश्व साहित्य के गहन अध्येता कुंवर नारायण ने आधी सदी से अधिक समय में अनेक विदेशी कवियों की कविताओं का हिन्दी में अनुवाद किया है, जो समय-समय पर पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे हैं। ‘न सीमाएं न दूरियां’ उनमें से कुछ उपलब्ध अनूदित कविताओं का संकलन है - हालांकि सारे अनुवाद, खासतौर से शुरुआती अनुवाद, खोजे नहीं जा सके।
 
“ जो बात इस पुस्तक को सबसे अनूठी और विशिष्ट बनाती है, वह यह है कि इसमें प्राचीन से लेकर अब तक के अनेक उत्कृष्ट विश्व कवियों की कविताओं के  अनुवाद स्वयं आज के श्रेष्ठ हिन्दी कवि द्वारा किए गए हैं। इस संकलन का एक और विशिष्ट पक्ष विभिन्न कवियों पर सारगर्भित बातें और अनुवाद-संबंधी टिप्पणियां भी है। कुंवर नारायण के लिए ‘अनुवाद का मतलब कविता की भाषाई पोशाक को बदलना भर नहीं रहा है, बल्कि उसके उस अंतरंग तक पहुंचना रहा है, जो उसे कविता बनाता है।’ उन्होंने अनुवाद की अवधारणा को अनुरचना की हद तक विस्तृत किया है और अनुवाद-कर्म को अपनी रचनात्मकता की तरह ही महत्त्व दिया है।”
 
अनुवाद करने के साथ अनुवाद-प्रक्रिया के रहस्यों का प्रकटन अत्यंत महत्त्वपूर्ण है, जिसे बोर्हेस और कुंवर नारायण के यहां हम अनुवाद-प्रक्रिया पर की गई दुर्लभ टिप्पणियों में देख सकते हैं। यहां अनुवादों में वह समावेशी दृष्टि अहम है, जो कुंवर नारायण के संपूर्ण लेखन में मौजूद है। अनुवाद के लिए जिस कवि को उन्होंने चुना, थोड़ा उसके प्रभाव में ढले, थोड़ा उसे अपने प्रभाव में ढाला। अनुवाद-कर्म के विशेष महत्व को रेखांकित करती यह किताब नई पीढ़ी के लिए एक अनूठा दस्तावेज है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

क्या आप जानते हैं किसे कहते हैं गोधूलि लग्न