Dharma Sangrah

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

भारत का प्रमुख त्योहार नागपंचमी, पढ़ें नागदेवता पूजन पर बेहतरीन हिन्दी निबंध

Advertiesment
हमें फॉलो करें Nag Panchami essay

WD Feature Desk

, मंगलवार, 29 जुलाई 2025 (11:45 IST)
Nag Panchami essay: प्रस्तावना/ भूमिका: भारत की पावन धरती पर कई ऐसे पर्व मनाए जाते हैं, जो प्रकृति और जीवों के साथ हमारे गहरे संबंध को दर्शाते हैं। इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण पर्व है नागपंचमी, जो श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन नागों को समर्पित है और इस दिन नाग देवता की पूजा का विशेष विधान है। यह पर्व सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि प्रकृति के प्रति हमारी श्रद्धा और सह-अस्तित्व की भावना का प्रतीक है। इस दिन नाग देवता की पूजा कर उनसे जीवन में सुख-शांति और समृद्धि की कामना की जाती है।
 
नागपंचमी का महत्व: भारत त्योहारों का देश है, जहां हर पर्व किसी न किसी धार्मिक आस्था, लोककथा या प्राकृतिक तत्त्व से जुड़ा होता है। इन्हीं में से एक प्रमुख पर्व है नागपंचमी, जो सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। हिन्दू धर्म में नागों को देवता के रूप में पूजा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, नागों का स्थान पृथ्वी के नीचे 'पाताल लोक' में माना गया है। नागों का संबंध ऊर्जा, सुरक्षा, जल और उर्वरता से जोड़ा जाता है। नागपंचमी पर नागों को दूध चढ़ाने की परंपरा है और लोग उनके प्रतीकों की पूजा करते हैं।
 
नागपंचमी की पूजा विधि:
• इस दिन लोग प्रातः स्नान कर व्रत रखते हैं।
• दीवारों या कागज पर नाग देवता की आकृति बनाकर उसकी पूजा की जाती है।
• कुछ लोग सांप के बिल या नाग मंदिरों में जाकर नागों को दूध, चावल, हल्दी, फूल आदि अर्पित करते हैं।
• बहनें अपने भाइयों की रक्षा के लिए नागदेवता से प्रार्थना करती हैं।
 
धार्मिक मान्यता और पौराणिक कथा: नागपंचमी का महत्व पौराणिक काल से ही चला आ रहा है। हमारे धर्मग्रंथों और कथाओं में नागों का उल्लेख कई स्थानों पर मिलता है। महाभारत में वर्णित एक कथा के अनुसार, जनमेजय ने अपने पिता परीक्षित की मृत्यु का बदला लेने के लिए नागों का एक यज्ञ किया था, जिसमें सारे नाग समाप्त हो सकते थे। तब आस्तिक ऋषि ने उस यज्ञ को रोककर नागों को विनाश से बचाया। उसी दिन को नागपंचमी के रूप में मनाया जाता है।
 
नागों का सबसे गहरा संबंध भगवान शिव से है, जो उन्हें अपने गले में हार के रूप में धारण करते हैं। भगवान विष्णु भी क्षीर सागर में शेषनाग पर ही विश्राम करते हैं। इन कथाओं से पता चलता है कि नागों को देवता के रूप में पूजा जाता था और उन्हें सम्मान दिया जाता था।
 
प्राकृतिक संदेश: नागपंचमी न केवल धार्मिक बल्कि पर्यावरणीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। सांप कृषि के लिए लाभदायक माने जाते हैं क्योंकि वे खेतों में कीट और चूहों को नियंत्रित करते हैं। इस पर्व के माध्यम से यह संदेश दिया जाता है कि सभी जीवों का संरक्षण आवश्यक है।
 
उपसंहार: नागपंचमी एक ऐसा पर्व है जो हमें प्रकृति, जीवों और धर्म के बीच संतुलन का पाठ पढ़ाता है। यह श्रद्धा, आस्था और लोक परंपराओं से जुड़ा त्योहार है, जो भारतीय संस्कृति की गहराई को दर्शाता है। हमें इस पर्व को श्रद्धा से मनाते हुए जीवों के प्रति करुणा और सहअस्तित्व की भावना को अपनाना चाहिए। यह त्योहार हमें अपनी प्राचीन संस्कृति और परंपराओं से जोड़े रखता है, जो हमें जीवन जीने की सही राह दिखाते हैं।
 
नागपंचमी के पावन अवसर पर सभी को सुख, शांति और समृद्धि की हार्दिक शुभकामनाएं।

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ: नागपंचमी पर भूलकर भी न करें ये 10 काम, होगा भारी नुकसान

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कितनी दौलत की मालकिन हैं 'क्‍योंकि सास भी कभी बहू थी' की तुलसी विरानी...जानें स्‍मृति ईरानी के पास कितनी ज्‍वेलरी और प्रॉपर्टीज है