पुत्र: पापा 'पॉलिटिक्स' क्या है?
पिता: तेरी मां घर चलाती है उसे सरकार मान लो!
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मैं कमाता हूं मुझे कर्मचारी मान लो।
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कामवाली काम करती है उसे मजदूर मान लो।
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तुम देश की जनता
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छोटे भाई को देश का भविष्य मान लो
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पुत्र: अब मुझे 'पॉलिटिक्स' समझ में आ गई पापा!
कल रात मैंने देखा, कर्मचारी मजदूर के साथ किचन में मज़े ले रहा था।
सरकार सो रही थी।
जनता की किसी को फ़िक्र नहीं थी और देश का भविष्य रो रहा था।