इंदौरी वेलेंटाइन मैसेज....मेरी प्यारी इकलोती मिसेज,
जय गनेस ओर भिया राओम,
याद है तेको,
जब राकेस भीया की गली के नोरतै में तू भंडारे की
पेली पंगत जीम री थी,
सई केऊ तो तब सेयी तू मेरे दिल मे बैठ गयी थी,
परोसगारी हमेसा मुझे मगजमारी लगती थी पर उस दिन सिरिप तेरे वास्ते मेने
पूड़ी का धामा तौका था, मेको नी पता था कि वो पंगत अपन को यू मिला देगी।
भगवान सोगन केरिया हु दूसरे दिन खजराना मंदिर के साई बाबा की
दीवाल पे अपनी सादी का लिख आया था ।
अपन का का नी घूमे,
सिरिप रात में तेको सराफा भी घुमाया,
जोसी के दहीबड़े,
सावरिया की खिचड़ी,
ओर वो
तेरा टेडी मुंडी करके सेल्फी हिंचना,
वो गुरु किरपा की लाइन में खड़े रेना,
तू मेरी जिंदगी में नि आती तो मेरी जिंदगी तो बिना सेव के पोए जैसी हो
जाती।
तेरा भोत भोत ठैनकु।
सिरिप तुमारा
इन्दोरी