परमल बाबा एक दिन दरबार में बैठे थे और भक्त अपनी दुख-भरी कहानियाँ सुनाकर बाबा से सलाह मांग रहे थे।
पल्टू:-"बाबा की जय हो।
बाबा मुझे कोई रास्ता दिखाओ , मेरी शादी तय नहीं हो रही, आपकी शरण में आया हूँ ।"
परमल बाबा:-"आप काम क्या करते हो ?"
पल्टू:-" शादी होने के लिए कौनसा काम करना उचित रहेगा ? "
परमल बाबा:-" तुम मिठाई की दुकान खोल लो। "
पल्टू:-" बाबा, वो तो 25 सालों से खुली हुई है, मेरे पिताजी की मिठाई की ही दुकान है ।"
परमल बाबा:-" शनिवार को सुबह ९ बजे दुकान खोला करो ।"
पल्टू:-"शनि मंदिर के बगल में ही मेरी दुकान है और मैं रोज ९ बजे ही खोलता हूँ ।"
परमल बाबा:-" काले रंग के कुत्ते को मिठाई खिलाया करो ।"
पल्टू:-" मेरे घर दो काले कुत्ते ही है, टोनी और बंटी . सुबह शाम मिठाई खिलाता हूँ ।"
परमल बाबा:-" सोमवार को शिवमंदिर जाया करो ।"
पल्टू:-" मैं केवल सोमवार ही नहीं , रोज शिवमंदिर जाता हूँ। दर्शन के बगैर मैं खाने को छूता तक नहीं ।"
परमल बाबा:-" कितने भाई बहन हो ?"
पल्टू:-" बाबा आपके हिसाब से शादी तय होने के लिए कितने भाई बहन होने चाहिए ? "
परमल बाबा:-" दो भाई एक बहन होनी चाहिए । "
पल्टू:-"बाबा, मेरे असल में दो भाई एक बहन ही है । प्रकाश, दीपक और मीना । "
परमल बाबा:-" दान किया करो ।"
पल्टू:-"बाबा मैंने अनाथ आश्रम खोल रखा है, रोज दान करता हूँ ।"
परमल बाबा:- " एक बार बद्रीनाथ हो आओ।"
पल्टू:-" बाबा आप के हिसाब से शादी होने के लिए कितने बार बद्रीनाथ जाना जरुरी है ?"
परमल बाबा:- "जिंदगी में एक बार हो आओ ।"
पल्टू:-"मैं तीन बार जा चूका हूँ ।"
परमल बाबा:- "नीले रंग की शर्ट पहना करो ।"
पल्टू:- "बाबा मेरे पास सिर्फ नीले रंग के ही कुर्ते है , कल सारे धोने के लिए दिए हैं , वापस मिलेंगे तो सिर्फ वही पहनूंगा! "
बाबा शांत होकर जप करने लगते हैं:-इस नालायक को क्या बोलूं जो इसने नहीं किया हो
पल्टू:-" बाबा , एक बात कहूँ ?"
परमल बाबा:-"हां जरूर, बोलो बेटा जो बोलना है।"
पल्टू:-"मैं पहले से शादी शुदा हूँ, और तीन बच्चों का बाप भी हूँ
इधर से गुजर रहा था, सोचा तुम्हारे चटके करता चलूँ।