मैं तो आरती उतारूं रे, बच्चों के पापा की
जय हो हसबैंड तेरी जय जय हो
जय हो हसबैंड तेरी जय जय हो
बड़ी पूंजी है बड़ा कैश इसके बटुए में
जिंदगी के हैं सारे ऐश इसके बटुए में
क्यूं न झांकूं मैं बारम्बार इसके बटुए में
दिखे हर घड़ी मॉल और माल इसके बटुए में
नृत्य करूं झूम झूम बटुए को चूम चूम
बेलन न मारूं आज इसे बेलन न मारूं रे....
मैं तो आरती उतारूं रे, बच्चों के पापा की
सदा होती है जय जयकार मेरे हसबैंडवा की
पर नारी पर टपके न लार मेरे हसबैंडवा की
है सबसे निराली कार मेरे हसबैंडवा की
कभी इज्जत न हो तार तार मेरे हसबैंडवा की
जो कमाएं मुझे दे दे, जो भी दूं हंस के ले ले
मैं तो स्वामी पुकारूं रे उसे स्वामी पुकारूं रे
मैं तो आरती उतारूं रे, बच्चों के पापा की
हम हैं पत्तल तो तुम दोना पति परमेश्वर जी
हमसे कभी ना खफा होना पति परमेश्वर जी
मैं तो आरती उतारूं रे, बच्चों के पापा की
मैं तो आरती उतारूं रे, बच्चों के पापा की
जय हो हसबैंड तेरी जय जय हो
जय हो हसबैंड तेरी जय जय हो
सोशल मीडिया से साभार