1 हिन्दी के टीचर को बाजार में अपनी एक पुरानी सखी नजर आई तो देखिए अपनी शैली में, काव्यात्मक रूप में, कितना सुंदर वर्णन उसने किया....*
वो आज बाजार में नजर आई।
आज भी पहले की तरह ही थी - बिलकुल चन्द्रमा जैसी।
फर्क *बस इतना ही था, साथ में दो छोटे-छोटे उपग्रह और एक भुनभुनाता सा धूमकेतु था....