gupta jee फोन पर verma jee से: बर्तन मांजते हुए ये समझ आया कि कुकर एक निहायत ही छिछोरा और वाहियात किस्म का बर्तन है, सीटी मारना इस छिछोरे पर सूट भी करता है...
सारे बर्तन शराफत से साफ हो जाते हैं, लेकिन इसके अलग नखरे हैं,
रबर अलग से धोओ
सीटी अलग से धोओ,
ढक्कन अलग से और
शरीर अलग से,
उस पर भी ये दाल में डाली गई सारी हल्दी का उबटन दो सीटी में ही बाहर उछाल कर, अपने शरीर पर मल लेता है...इसे कौनसे फैशन परेड में जाना होता है हल्दी का फेशियल करके...उंगलियां दुख जातीं है हल्दी छुटाते छुटाते
वर्स्ट युटेंसिल ऑफ दी मिलेनियम का अवार्ड देना चाहिए इसे...