मिस चंपा, जो एक बड़ी कंपनी में अधिकारी थी, मीटिंग के लिए लेट हो रही थी।
वह 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से जा रही थी जबकि उस सड़क पर गति सीमा अधिकतम 60 किमी प्रति घंटा थी।उसे इतनी तेज गति से जाता देख एक हवलदार ने उसका पीछा किया और रोक लिया।.
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हवलदार - मैडम, क्या मैं आपका लाइसेंस देख सकता हूं?
चंपा - मैं माफी चाहती हूं। एक बार मैं नशे में गाड़ी चलाते हुए पकड़ी गई थी, तब मुझसे लाइसेंस छीन लिया गया था।
हवलदार - तो चलिए गाड़ी का रजिस्ट्रेशन कार्ड ही दिखा दीजिए।
चंपा - जी यह गाड़ी चोरी की है। मैंने गाड़ी चुराकर ड्राइवर का कत्ल कर दिया। उसकी लाश पीछे डिक्की में है।
हवलदार (घबराकर) - मैडम आप अपनी जगह से हीलिएगा मत। मैं और पुलिसवालों को बुला रहा हूं। हवलदार ने अपने वॉकी-टॉकी पर संदेश दिया और पांच मिनट के अंदर पुलिस इंस्पेक्टर टीम के साथ आ पहुंचे।
इंस्पेक्टर ने चंपा से कहा, मैडम क्या मैं आपका लाइसेंस देख सकता हूं।
चंपा ने बैग में से लाइसेंस निकालकर दे दिया।
इंस्पेक्टर ने लाइसेंस देखा। वह असली था।
फिर इंस्पेक्टर ने गाड़ी का रजिस्ट्रेशन मांगा।चंपा ने वह भी पेश कर दिया।
फिर आखिर में इंस्पेक्टर ने झटके से गाड़ी की डिक्की खोल दी। डिक्की एकदम खाली थी।
इंस्पेक्टर ने हवलदार को गुस्से से देखा।
चंपा ने जोर देते हुए कहा, और मुझे पक्का यकीन है कि अब यह हवलदार कहेगा कि मैं तेज गाड़ी चला रही थी!
मोरल ऑफ द स्टोरी
वो स्त्री है.........कुछ भी कर सकती है....