Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

ग़ालिब का असली नाम और असली शेर: शर्तिया लोटपोट करेगा यह चुटकुला

Advertiesment
हमें फॉलो करें
ग़ालिब का असली नाम 
गुलाब सिंह था (अब से वो अपने असली नाम से जाने जाएंगे, अध्यादेश लाया जा रहा है)! 
 
और जो शेर आप बरसों से सुनते आ रहे हैं, वो असली में ऐसे हैं-
 
शिशु क्रीड़ा क्षेत्र है विश्व मेरे समक्ष 
होता है अहर्निश स्वांग मेरे समक्ष!!
 
(बाज़ीचा-ए-अतफ़ाल है दुनिया मेरे आगे 
होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा मेरे आगे)
 
प्रत्येक विषय पर महोदय कहते हैं कि तू क्या है???
आप विश्लेषित करें ये वार्तालाप शैली क्या है???
 
(हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है 
तुम्हीं कहो कि ये अंदाज़-ए-गुफ़्तुगू क्या है )
 
न पूछो अवस्था मेरी तुम्हारी अनुपस्थिति में 
बस अपने व्यवहार को देखो मेरे सम़क्ष
 
(मत पूछ कि क्या हाल है मेरा तेरे पीछे 
तू देख कि क्या रंग है तेरा मेरे आगे)
 
हैं अन्य भी जगत में काव्यकार उत्तमोत्तम 
तथापि कहते हैं सर्वजन गुलाबसिंह की काव्य शैली है अन्यतम
 
(हैं और भी दुनिया में सुख़न-वर बहुत अच्छे 
कहते हैं कि 'ग़ालिब' का है अंदाज़-ए-बयाँ और)
 
दुर्बल गुलाब सिंह की अनुपस्तिथि में, कौन से कार्य बंद हैं
 करुण क्रंदन क्यों करें, करें आह आह क्यों
 
(ग़ालिब'-ए-ख़स्ता के बग़ैर कौन से काम बंद हैं 
रोइए ज़ार ज़ार क्या कीजिए हाए हाए क्यूँ )
 
शिराओं में आवागमन हेतु हम नहीं अभिभूत 
जब नेत्र से ही न टपके तो फिर रूधिर क्या है
 
(रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं क़ायल 
जब आँख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है)
 
योगी साहित्यनाथ

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

यह है आज का दमदार चुटकुला : जब सास ने सीखी Swimming